अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अनिश्चितकालीन चक्का जाम को तेल कंपनियों की हड़ताल से काफी बल मिला है।
एआईएमटीसी के अधिकारियों का मानना है कि अब स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि सरकार शुक्रवार शाम तक बातचीत के लिए बुला सकती है। इस वजह से आवश्यक चीजों की आपूर्ति में बाधा पहुंच रही है।
एआईएमटीसी के अध्यक्ष चरन सिंह लोहारा ने बताया,’ चक्का जाम के चौथे दिन स्थिति बदतर हो गई है, लेकिन परिवहन मंत्री के पास हमलोगों से बातचीत करने का वक्त नहीं है।’
उन्होंने कहा कि हमलोग सेवा कर को हटाने की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि सेवा कर जाल से ट्रांसपोर्टरों को मुक्त करने की बात कह रहे हैं। इस बीच पांच राज्यों में सरकार द्वारा एस्मा लागू करने के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने शुक्रवार को अपनी आपात बैठक बुलाई है।
ईंधन की मांग प्रभावित
सार्वजनिक तेल कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा वेतन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर शुरू की गई हड़ताल का चारों ओर असर पड़ता दिखाई दे रहा है। इस हड़ताल से ईंधन आपूर्ति का संकट विकराल रुप लेने लगा है।
मुंबई के 70 फीसदी पेट्रोल पंपों में आपूर्ति न होने के वजह से वहां डीजल-पेट्रोल और सीएनजी गैस मिलना बंद हो गई है। महानगर गैस लिमिटेड ने संकट की गंभीरता को देखता हुए वाणिज्यिक और औद्योगिक आपूर्ति में 70 फीसदी तक की कटौती की है।
दूसरी ओर गुजरात और दक्षिण भारतीय राज्यों में सरकार ने आवश्यक सामग्री अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू कर दिया है। पेट्रोल-डीजल और सीएनजी की आपूर्ति न हो पाने की वजह से महाराष्ट्र के लगभग 60 फीसदी पेट्रोल पंप पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
जो पेट्रोल पंप खुले हैं उनके पास भी ज्यादा स्टॉक नहीं बचा है। महाराष्ट्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि शिंदे के अनुसार जिन जगहों में पंप चालू भी हैं उनका भी 60 फीसदी तक बफर स्टॉक खत्म हो चुका है। यानी कल तक हड़ताल नहीं खत्म होती है तो लगभग सभी पंप बंद हो जाएंगे।
प्रभावित हुई गैस सेवा
मुंबई के 6 लाख घरों में गैस पाइप लाइन के द्वारा गैस की आपूर्ति करने वाली महानगर गैस लिमिटेड ने गैस की कम आपूर्ति के चलते अपने सप्लाई में कटौती शुरु कर दी है।
कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार आपूर्ति में बाधा आने के कारण हमने 70 फीसदी कॉमर्शियल और इडस्ट्रीयल सप्लाई को रोक दिया है क्योंकि हमारा लक्ष्य है कि घरों में चूल्हा जलता रहे, लेकिन हड़ताल एक दो दिन और खिचती है तो हम 100 फीसदी कॉमर्शियल सप्लाई को बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
बेस्ट के चेयरमैन उत्तम खोब्रागडे कहते हैं कि हमारे पास एक दो दिन का बफर स्टॉक है, लेकिन इससे ज्यादा होने पर बसों की चाल प्रभावित हो सकती है लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था के लिए हम दूसरी कंपनियों से बात कर रहे हैं।
विमान सेवा पर पड़ा असर
हवाई ईंधन की आपूर्ति में बाधा के चलते मुंबई हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले विमान समय पर अपनी उड़ान नहीं भर पाए। सरकार की तरफ से हवाई ईंधन भरने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी ।
लेकिन पाइप लाइन में कम दबाव के चलते विमानों में ईंधन भरने में समय लगा जिसके वजह से कई उड़ानें एक से दो घंटा तक देर हुईं। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने बताया कि विमानों को उड़ान भरने में 30-40 मिनट की देरी हुई है।
उनके अनुसार देरी से उड़ान भरने वाले विमान घरेलू थे, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घरेलू सेवा लगभग 90 मिनट और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 30 मिनट की देरी देखने को मिली।