राजधानी के गोमती नगर में बसे सहारा शहर में कल रात लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा की गई तोड़फोड़ के विरुध्द सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन की एक याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने प्राधिकरण को आदेश दिया है कि वह विवादित भूमि को पुन: सहारा शहर के कब्जे में दे दें।
न्यायमूर्ति डी पी सिंह और न्यायमूर्ति बी के नारायण की खण्डपीठ ने सहारा की याचिका पर सुनवाई करने के बाद जारी अपने अंतरिम आदेश में विवादित भूमि पर सहारा शहर का कब्जा बहाल करने के साथ यह भी कहा कि यदि सहारा इंडिया चाहे तो वह अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए वहां पुनर्निर्माण करवा सकती है।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सहारा शहर के कुछ हिस्से को प्राधिकरण की भूमि पर अतिक्रमण मानते हुए कल रात उसे गिरवा दिया था, जिसके विरुध्द सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन ने आज सुबह ही अदालत में याचिका दाखिल की थी।