‘ग्रीन बिल्डिंग’ के लिए मिलेगी कर रियायत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 12:07 AM IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने घोषणा की है कि यदि उद्योग पर्यावरण के अनुकूल निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने की योजना बनाते हैं तो राज्य सरकार उन्हें कर रियायत और प्रोत्साहन देने को तैयार है।


मुख्यमंत्री ने यह घोषणा इंडिया टेक फाउंडेशन (आईटीएफ) द्वारा निर्माण एवं रियल एस्टेट पर आयोजित ‘कॉन्स्ट्रू इंडिया’ प्रदर्शनी के 2008 के संस्करण के उद्धाटन भाषण के दौरान की। देशमुख ने कहा, ‘यदि हम अपनी अगली पीढ़ियों के लिए हरी-भरी और खुशहाल दुनिया की इच्छा करते हैं तो ऊर्जा संरक्षण और गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना भी हम सभी की जिम्मेदारी है। गैसों का उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है।’

देशमुख ने कहा कि मुंबई महानगर विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में 5 लाख घरों के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। ये घर समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 800 रुपये से 1500 रुपये के किराए पर उपलब्ध कराए जाएंगे। एमएमआरडीए ने इस साल 50,000 घर बनाने की योजना बनाई है और इसके लिए 100 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है।

उन्होंने निर्माण कंपनियों और रियल एस्टेट उद्योग से निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के जरिये राज्य सरकार के इस सपने को साकार करने के लिए आगे आने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यदि हम रोजी-रोजी की तलाश में ग्रामीण इलाकों से शहरों में आने वाले इन गरीबों को किफायती किराए वाले घर उपलब्ध कराने में सफल रहते हैं तो वे झुग्गियों में रहने को बाध्य नहीं होंगे।

उन्होंने बताया कि जल्द ही मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में विश्वस्तरीय प्रदर्शनी केंद्र होगा जो 7.5 हेक्टेयर के भूखंड पर रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी केंद्र 2010 तक बन कर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कन्वेंशन सेंटर के सबसे बड़े कक्ष की सीट क्षमता 50,000 लोगों की होगी और उद्योग को पुणे, मुंबई और नासिक से आगे भी देखना होगा।

राज्य के अंदरूनी हिस्सों में उद्योग की मदद के लिए महाराष्ट्र सरकार ने पिछड़े क्षेत्रों में एयर कनेक्टिविटी मुहैया कराने और सड़क नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए कई अहम पहल शुरू की हैं। बेहतर कनेक्टिविटी मुहैया कराने के लिए राज्य में लातूर और नांदेड़ में हवाई अड्डों का संचालन किया गया है और कुछ विमानन कंपनियों ने इन हवाई अड्डों के लिए अपनी उड़ानें शुरू भी कर दी हैं।

First Published : October 16, 2008 | 9:33 PM IST