टिहरी जलविद्युत विकास निगम (टीएचडीसी) ने 600 मेगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता वाली किशाउ पनबिजली परियोजना के निर्माण में गहरी रुचि दिखाई है।
किशाउ पनबिजली परियोजना पिछले दो दशकों से अधर में लटकी हुई है। टीएचडीसी 2400 मेगावॉट क्षमता वाले टिहरी बांध का विकास भी कर रही है।
किशाउ परियोजना को अपने नाम करने के लिए टीएचडीसी पिछले दो महीने से लगातार राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हम लोग किशाउ परियोजना को सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) के माध्यम से विकसित करना चाहते हैं।’ इस बाबत शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। इस बहुउद्देशीय परियोजना के लिए उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक समझौता किया है।
किशाउ परियोजना को टोंस नदी पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 6,000 करोड़ रुपये है और बांध की ऊंचाई 236 मीटर होगी।