रविवार को दिल्ली के आईटीओ चौराहे पर लगा एक सरकारी विज्ञापन हर राहगीर को मुंह चिढ़ा रहा था। विज्ञापन में बड़े अक्षरों में लिखा है कि ‘चारों तरफ जगमगा रही है दिल्ली।’
जी तो हमारा भी यही चाह रहा था कि लिख दें कि बम धमाकों से बेफिक्र रही दिल्ली। लेकिन हकीकत यह है कि लोग फिर से उठ खड़े तो हुए हैं, हिम्मत की भी र्कोई कमी नहीं है। चारो तरफ दूसरों की मदद का जोरदार जज्बा दिखा है, लेकिन शहर में हर शख्स डरा सहमा सा है।
दिल्ली के रीगल सिनेमा के पास रविवार दोपहर तक लोगों की आवाजाही काफी कम रही। अधिकतर दुकानें बंद थी। रीगल के बगल में श्रीलेदर्स का शोरूम खुला है। लेकिन इक्के दुक्के लोग खरीदारी के लिए दुकान में आ रहे हैं।
श्रीलेदर्स के कनॉट प्लेस के शोरूम के मैनेजर शांतनु ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आम रविवार की तुलना में इस बार सिर्फ 10 फीसदी लोग खरीदारी के लिए आ रहे हैं। रीगल के बाहर पान-मसाला की रेहड़ी लगाने वाला शिव नारायण तिवारी की दुकान उस कूड़ेदान के बगल में है, जहां शनिवार को जिंदा बम मिला था।
उस वक्त के माहौल का जिक्र करते हुए वह बताता है, चारों तरफ लोगों का हूजूम उमड़ पड़ा था। सभी लोग सेंट्रल पार्क में मदद के लिए भागे जा रहे थे। यहां पर तो सारी दुकानें उस वक्त खाली करा दी गई थी और उस जिंदा बम को डिफ्यूज करने वाली मशीन यहां लगा दी गई थी।
जनपथ बाजार
रविवार को जनपथ बाजार पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां पर आम रविवार को सैकड़ों दुकानें लगती है। कपड़े आदि के सामान रविवार को खरीदने बड़ी संख्या में लोग आते हैं। लेकिन इस रविवार को हालत बिल्कुल विपरीत है।
जनपथ बाजार में रेहड़ी लगाकर कपड़े बेचने वाला राजेश सिंह ने कहा कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली पुलिस ने सतर्कता के तौर पर आज बाजार बंद रखने को कहा है। राजेश सिंह बताते हैं कि यहां पर दुकान का किराया 2500 से 3000 रुपये प्रति दिन है और रविवार को दुकान बंद रहने की वजह से व्यापारियों को औसतन 50 से 60 हजार का घाटा हो रहा है।
जनपथ बाजार के बाहर पुलिस बूथ पर काफी संख्या में पुलिस गश्त लगा रहे थे। पुलिस यह मानने को कतई तैयार नही हुए कि शनिवार के हादसे का लोगों पर कोई असर है। लेकिन पुलिस की यह बात तब खोखली साबित हुई, जब जनपथ बाजार के बाहर एक महिला आर के पुरम जाने के लिए ऑटो की तलाश कर रही थी और उसे ऑटो रिक्शा नजर नहीं आ रहा था।
करोल बाग और गफ्फार मार्केट का हाल
करोल बाग में बाबा रामदेव चौक पर (जिसके बगल में धमाका हुआ) अन्य दिनों की तरह रविवार को भी जाम लगा हुआ है। दरअसल घटना स्थल के दोनों तरफ पुलिस ने बैरिकेटिंग कर दिया है और लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हो रही है।
इलेक्ट्रॉनिक मार्केट और गफ्फार मार्केट दोनों खुले हुए हैं, लेकिन लोगों की संख्या काफी कम है। एक दुकानदार ने बताया कि आज धंधा पूरी तरह से मंदा है। 10 फीसदी लोग भी नही आ रहे हैं। बाजार की मुख्य सड़क पर गणेश चतुर्थी की विसर्जन यात्रा भी धूमधाम से निकल रही थी।
काफी संख्या में लोग इसमें शामिल थे। यात्रा के संयोजक अनिल का कहना है कि शनिवार का हादसा तो हमने प्रत्यक्ष तौर पर देखा है। लेकिन दिल्ली कभी थमती नही है। आज से हमलोग अपने अपने काम में लग गए हैं।
सरोजिनी नगर
सरोजिनी बाजार की हालत सामान्य है। दोपहर बाद यहां लोगों की संख्या में इजाफा होता गया। यह बाजार भी कभी इन हादसों का गवाह रहा था। आम रविवार की तुलना में बाजार में चहलकदमी कम है। कैपिटल इंपोरियम के मैनेजर रवि बत्रा का कहना है कि धमाके का असर आम लोगों पर है। वे बाहर नही निकल रहे हैं। उन्होंने अगले 1 सप्ताह के भीतर बाजार में फिर से चहल पहल शुरू हो जाने की उम्मीद जताई है।
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