बड़े होटलों का कारोबार पड़ा ठंडा और छोटों की हुई चांदी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 5:34 PM IST

विजय गोयल क्रिसमस और नए साल की छुट्टियां बिताने हर साल गोवा जाते थे।


लेकिन इस बार मंदी और आतंकी हमलों के बाद बदले माहौल की वजह से परिवार के साथ किसी बड़े होटल में न जाकर मुंबई के आसपास किसी छोटे होटल में जाने की योजना बनाई है। इस तरह की योजना बनाने वाले गोयल अकेले बंदे नहीं है बल्कि ऐसे लोगों की इस बार अधिकता देखने को मिल रही है।

यही कारण है कि बड़े होटलों की बुकिंग में जहां कमी देखने को मिल रही है वही गोराई जैसी एकांत जगहों पर बने छोटे-छोटे होटलों में बुकिंग कॉल्स पिछले साल की अपेक्षा इस बार काफी ज्यादा हैं।

मंदी की मार से खाली हुआ लोगों का बटुआ, लगभग सभी बड़े होटलों के नए साल पर कुछ अलग से न करने की घोषणा, आतंकी हमलों के बाद विभिन्न संस्थाओं द्वारा जश्न न मनाने की भावनात्मक अपील, सुरक्षा कारणों से शाम छह बजे के बाद बीच पर न जाने की महाराष्ट्र सरकार की हिदायत और आतंकी हमलों की आशंका के चलते गोवा के समुद्री किनारों पर किसी तरह के जश्न या पार्टी मनाने पर लगी रोक ने होटल कारोबार को बुरी तरह से प्रभावित किया है।

इन कारणों से इस बार मुंबई और गोवा के प्रमुख होटलों की बुकिंग में 40 से 50 फीसदी की कमी आई है। एक महीने पहले बुक कराए गए होटल के कमरों में से करीबन 50 फीसदी की बुकिंग रद्द हो चुकी है।

जिंदादिली और जश्न के लिए मशहूर यहां के लोग वीकेंड में छोटे बीचों पर बने घरेलू होटलों में जाकर नया साल का स्वागत करने का मूड बना चुके हैं।

इसके लिए गोराई जैसे जगह सबसे ज्यादा पसंद किये जा रहे हैं। गोयल के अनुसार मंदी से पैदा हुई आर्थिक तंगी तो अपनी जगह है लेकिन उससे भी बड़ी वजह अपनी और अपने परिवार के जानमाल की सुरक्षा करना है।

होटल्स एंड रेस्त्रा एसोसिएशन के महासचिव एस एम कोर्दे ने बताया कि मुंबई के होटलों में इस बार बुकिंग 30 से 40 फीसदी कम हुई है। बड़े होटलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है क्योंकि उनके पास कमरों की संख्या अधिक है। लक्जरी होटलों में इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है।

ताज और ट्राईडेंट होटलों ने 26 नवंबर को हुए आतंकी हमलों को करारा जवाब देते हुए दोनों होटल प्रबंधनों ने एक महीने के अंदर 21 दिसंबर को फिर से होटलों को खोल तो दिया लेकिन लोगों का विश्वास जगाने में समय लगेगा।

ताज में 268 कमरों में से 150 कमरों की बुकिंग हुई जबकि ट्राइडेंट के 550 कमरों में से सिर्फ 95 कमरों यानी 16 फीसदी की ही बुकिंग हो सकी है। कोर्दे ने बताया कि मुंबई के होटलों ने फैसला किया है कि नव वर्ष पर कोई जश्न न हो। व्यक्तिगत तौर पर कोई पार्टी करना चाह रहा हो तो ठीक है। 

उनके अनुसार होटल उद्योग के कारोबार में इस दौरान 30 से 40 फीसदी की गिरावट होने की आशंका है। घरेलू बुकिंग में 50 से 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा रही है। बड़े और लक्जरी होटल के कारोबार में आई गिरावट का फायदा छोटे होटलों को मिल रहा है।

गोराई में चार 8 कमरे का छोटा सा होटल चलाने वाले राजेश कहते हैं कि हमारे कमरे तो बुक हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद हर दिन 30 से 40 लोग कमरों के बारे में पुछने आते हैं और ज्यादा रेट देने की बात भी करते हैं। इसकी वजह ये आतंकी हमला और महंगाई दोनों को मान रहे हैं।

राजेश के अनुसार हमारे या 400 से 600 रुपये में कमरा मिल जाता है और घर जैसा खाना-पीना लेकर एक परिवार का हजार रुपये में आराम से हो जाता है ।

जबकि गोवा या मुंबई के किसी होटल में एक रात बिताने के लिए एक आदमी को लगभग 15-20 हजार रुपये खर्च करने पड़ जाते हैं। होटल कारोबार में आई गिरावट का असर ट्रैवल्स कारोबारियों पर भी पड़ा है।

First Published : December 26, 2008 | 8:45 PM IST