चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव में आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए लकड़ी की बिक्री पर रोक लगा दी है, जबकि आबकारी विभाग को शराब की दुकानों की नीलामी की अनुमति दी जा चुकी है।
राज्य वन विभाग के करीब तीन दर्जन डिपो में लकड़ी की नीलामी पर रोक लगा दी गई है। वन के मुख्य निरीक्षक (उत्पादन) बी के सिन्हा ने बताया, ‘इससे करीब 12 करोड़ की लकड़ियों को नुकसान पहुंचने का खतरा बन गया है, जो डिपो में रखी हुई हैं।’
चुनाव आयोग ने शराब दुकानों की नीलामी को तो हरी झंडी दिखा दी पर लकड़ियों की नीलामी की इजाजत नहीं दी गई। रायपुर टिंबर मचर्ेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायणभाई पटेल ने बताया, ‘हमने इस बारे में चुनाव आयोग से अपील की थी, पर हमें इजाजत नहीं दी गई।’
उन्होंने कहा कि अगर अगले दो महीनों में नीलामी नहीं होती है तो राज्य की 1,400 से अधिक आरा मिलों में कच्चे माल की किल्लत देखने को मिल सकती है। कारोबारियों ने बताया कि लकड़ी की नीलामी केवल छत्तीसगढ़ में ही रोकी गयी है।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक देवजी पटेल जो एक टिंबर कारोबारी भी हैं,बताया, ‘हैरानी है कि चुनाव आयोग विभिन्न कारोबारों के लिए विभिन्न मापदंड अपना रहा है।’