कुछ दिनों बाद हो सकता है कि जब आप बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसी इलाके से दिल्ली की ओर रेल के सामान्य दर्जे में सफर करें, तो दम घुटा देने वाली भीड़ का सामना न करना पड़े।
यात्रियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पर्याप्त रेल सुविधाओं को उपलब्ध कराने और रेल गाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए उत्तर पूर्व रेलवे (एनईआर)ने लाइनों के डबलिंग, विद्युतीकरण और ब्राडगेज लाइनों के निर्माण में काफी तेजी ला दी है।
उत्तर पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बिजनेंस स्टैंडर्ड को बताया कि यात्रियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर एनईआर लगभग 100 करोड़ का निवेश करके गोंडा और बुड़वल तथा जरवल और बुड़वल के बीच डबलिंग का काम पूरा किया जा चुका है। साथ ही आगे के इलाकों जैसे मनकापुर, बबनान, बस्ती, गौरखपुर, देवरिया और सीवान के बीच डंबलिग का काम पूरा किया जा रहा है।
डबलिंग का काम होने के बाद इन स्टेशनों के लिए कुछ नई गाड़ियों को चलाया जाएगा। साथ ही कुछ मेल और एक्सप्रेस गाडियों को भी इन स्टेशनों से जोड़ा जाएगा। डबलिंग होने के कारण स्टेशनों की संख्या में बढ़ोतरी किये जाने केसवाल पर सिंह का कहना है कि स्टेशनों की संख्या में तो बढ़ोतरी नहीं होगी। लेकिन कुछ स्टेशनों को समाप्त जरुर किया जा सकता है।
सिंह ने बताया कि सीवान और छपरा के बीच विद्युतीकरण का कार्य भी जोर-शोर से जारी है। उत्तर-पूर्व रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अभी तो यह नहीं बताया जा सकता कि विद्युतीकरण का काम कब तक पूरा हो जाएगा। लेकिन आने वाले तीन सालों के भीतर ही यात्री विद्युतीकृत रेलगाड़ियों में सफर कर सकेंगे। एनईआर अपने तीस स्टेशनों को मीटर गेज से ब्रॉड गेज में बदलने की योजना पर भी काम कर रही है।