ट्रांसपोर्टरों के चक्का जाम का असर धीरे-धीरे दिखने लगा है। 5 जनवरी से शुरू यह जाम तीसरे दिन भी जारी रहा।
फल-सब्जी व अनाज मंडी में फिलहाल स्थिति चिंताजनक नहीं है और आपूर्ति भी सामान्य है, लेकिन जाम के जारी रहने पर आने वाले दिनों में सब्जी व फल की कीमतों पर फर्क पड़ने की संभावना प्रबल होती दिख रही है। हालांकि फुटकर बाजार में ट्रांसपोर्टरों के इस जाम के नाम पर आवश्यक चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी जरूर की जा रही है।
बुधवार को भी सरकार व ट्रांसपोर्टरों के बीच कोई बातचीत नहीं हो सकी। दूसरी तरफ ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस ने कहा है कि डीजल की कीमत में कमी के बाद वे निश्चित रूप से अपने किराए में भी कमी करेंगे।
आजादपुर मंडी में मुख्य रूप से आलू व कश्मीरी सेब की आपूर्ति प्रभावित हुई है। अनाज मंडी से दूसरे शहरों में आपूर्ति करने में जरूर दिक्कतें आ रही हैं। दिल्ली की अनाज व फल-सब्जी मंडियों में कमोबेश मालवाहक वाहनों की आवाजाही सामान्य है।
हालांकि इस बारे में ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस का कहना है कि फल-सब्जी व अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति को इस जाम से अलग रखा गया है।
कश्मीरी सेब विक्रेता संघ के पदाधिकारी आरएस कृपलानी ने बताया कि मंगलवार को कश्मीर से सेब लेकर 250 गाड़ियां आयी थीं जबकि बुधवार को यह संख्या मात्र 150 गाड़ियों की रही।
बताया जा रहा है कि पंजाब में ट्रांसपोर्टरों को माल लादने से रोका जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जाम के कारण दिल्ली से सेब को दूसरे राज्यों में भेजने में जरूर दिक्कत हो रही है। आलू की आपूर्ति में भी कमी बतायी जा रही है।
बुधवार को मंगलवार के मुकाबले 5-7 गाड़ियां आलू की आवक कम रही। प्याज की आवक सामान्य रही। प्याज विक्रेता संघ के पदाधिकारी राजेंद्र शर्मा के मुताबिक अब तक आपूर्ति में कोई कमी नहीं है। आजादपुर मंडी में सब्जी के थोक विक्रेता बलबीर सिंह ने बताया कि गोभी व मटर की आवक बुधवार को सामान्य से ज्यादा रही।
उनके मुताबिक इन सब्जियों को कोलकाता, रायपुर, नागपुर, हैदराबाद जैसी जगहों पर भेजने में भी कोई दिक्कत नहीं हो रही है। बुधवार को हरी सब्जियों की आवक अधिक होने के कारण थोक बाजार मंदा रहा। लेकिन जाम के नाम पर खुदरा विक्रेताओं ने सब्जियों की कीमतों में जरूर इजाफा कर दिया है।
पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति भी अब तक सामान्य है। दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी अनुराग बताते हैं, 5 जनवरी से लेकर अबतक आपूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है लेकिन ट्रांसपोर्टर अगर सड़क पर आ गए तो पंपों की आपूर्ति जरूर प्रभावित हो जाएगी।
राजनीतिक डगर
सरकार पर कोई असर न होता देख हड़ताली ट्रक ऑपरेटरों ने अब राजनीतिक दलों के दरवाजों पर दस्तक देना शुरू कर दिया है।
ट्रांसपोर्टरों के संगठन, आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों ने आज माकपा नेता प्रकाश करात से मुलाकात की। वे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात करने की तैयारी में लगे हुए थे।