बिहार में महाप्रलय जैसे हालात हैं। लेकिन इससे क्या हुआ, जीवन अपने रास्ते खोज ही लेता है। समूचे उत्तरी बिहार में कोसी मौत का तांडव कर रही है।
इस बीच अररिया जिले के राहत शिविर में एक गर्भवती महिला द्वारा एक बच्ची को जन्म देने की खबर है। बिहार में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) के सूचना अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘राहत शिविर में एक बच्ची के जन्म की खबर है। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं।’ इस बारे में अधिक विवरण का इंतजार है।
उन्होंने बताया कि यूनीसेफ ने बीते साल बाढ़ राहत के तहत समस्तीपुर जिले के बरगमागाछी में जच्चा-बच्चा शिविर खोला था। शिविर में 84 गर्भवती महिलाओं को ठहराया गया था। इनमें से 7 महिलाओं ने शिविर में ही अपनी संतानों को जन्म दिया। उल्लेखनीय है कि बिहार में बाल मृत्यु दर देश में सबसे अधिक है।
कुमार ने बताया कि चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में गर्भवती महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि ‘यूनेस्को नुकसान का आकलन कर रहा है और बिहार सरकार के साथ मिलकर प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं के बचाव के लिए अभियान शुरू किया जाएगा। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए विशेष शिविर खोले जाएंगे।’