घर-आंगन में बहेगी दूध की धारा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 9:43 PM IST

पंजाब के सहकारिता मंत्री कंवलजीत सिंह ने पंजाब में राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर डेयरी उत्पादों के 100 फीसदी विपणन के लिए एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया है।


इस कार्यक्रम के तहत डेयरी उत्पादों का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विपणन किया जाएगा। ऐसा करके राज्य में डेयरी उद्योग को एक अतिरिक्त उद्यम के तौर पर विकसित किया जा सकेगा।


कंवलजीत सिंह का कहना है कि डेयरी व्यवसाय काफी मुनाफे वाला है और साथ ही इसमें कई लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। पंजाब के डेयरी उत्पादकों ने अपने काम में वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाना शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य कृषि क्षेत्र ने अपने विकास के सर्वोच्च बिंदु को छू लिया है। इसलिए अब राज्य में आय के वैकल्पिक स्त्रोतों को अपनाने पर खास तौर से ध्यान देना होगा।


उन्होंने कहा कि डेयरी उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य में उन सांड़ों को पर्याप्त पोषण और आवश्यक चिकित्सा दी जाएगी जिनके प्रजनन करने से ज्यादा दूध देने वाली गायों का जन्म हो रहा है। राज्य में डेयरी उत्पादों के  उत्पादन और विपणन को बढ़ाने के लिए चंडीगढ में एकदिवसीय मिल्कफेड आयोजित किया गया। राज्य के सभी मिल्क प्लांट के महाप्रंबधकों को इस अवसर पर राज्य में डेयरी व्यवसाय में सुधार के लिए सुझावों को लाने का निर्देश दिया गया था।


कंवलजीत सिंह ने कहा कि एक साल पहले जब उनकी सरकार सत्ता में आई थी। तब राज्य के दूध संयंत्रों की स्थिति बहुत ही खराब थी। लेकिन सरकार द्वारा लिए गए ठोस निर्णयों के बाद इस क्षेत्र में काफी सुधार आया है। इससे राज्य में दूध के उत्पादन में 1.30 लाख लीटर की बढोतरी हुई है।


उन्होंने कहा कि डेयरी उत्पादकों की मांग पर राज्य में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी खरीद की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा सरकार ने राज्य के सभी गांवो में सहकारी दूध उत्पादन समितियों को स्थापित करने का निर्णय लिया है। अभी पंजाब के 43 फीसदी गांवों में ही इस तरह की सहकारी समितिया गठित की गई है। कवलजीत सिंह ने कहा कि सभी दूध उत्पादन करने वाली सहकारी समितिया इलेक्ट्रानिक तरीके से पैसा वसूली कर सकेंगी।


सिंह ने कहा कि राज्य में 100 डेयरी फार्मो को स्थापित करने के लिए 31 मार्च तक 250 आवेदनों को प्राप्त किया जा सका है। उन्होंने कहा कि सभी दूध संयंत्रों के लिए तय कर दिया गया है कि उन्हें कितनी मात्रा में दूध का संग्रह करना है और लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने दुग्ध सोसाइटियों को प्रत्येक परिवार को वर्ष में कम से कम एक बार एक पशु खरीदने के लिए कर्ज देने का निर्देश दिया है।

First Published : May 6, 2008 | 10:19 PM IST