महाराष्ट्र के महापर्व गणेशोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति और तीसरी लहर की आशंका के बीच महाराष्ट्र सरकार ने गणेश उत्सव को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। दिशानिर्देश के अनुसार सार्वजनिक गणेश मंडल में बप्पा की मूर्तियों का आकार 4 फुट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वहीं, घरों में गणपति बप्पा की जिन मूर्तियों को लाया जाएगा, उनकी ऊंचाई 2 फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
दस दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव की इस साल 10 सितंबर से शुरुआत हो रही है। कोरोना संक्रमण के कारण राज्य में कई तरह के प्रतिबंध लागू है, जिसका प्रभाव गणेशोत्सव पर भी पड़ा है। महाराष्ट्र में बड़े ही धूमधाम से गणेशोत्सव मनाया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार भी सीमित दायरे में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपील की है कि गणेशोत्सव सादगी से मनाए और महामारी को देखते हुए प्रशासन का सहयोग करें। पिछली बार भी महामारी की वजह से बड़ी ही सादगी के साथ इस पर्व को जनता ने मनाया था।
इसके पहले राज्य के मूर्तिकारों ने महाविकास अघाड़ी सरकार से गणेशोत्सव के संदर्भ में जल्द से जल्द दिशानिर्देश जारी करने की मांग की थी। रेशमा खातू ने इस संदर्भ में मूर्तिकारों का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि गणेशोत्सव को अब मात्र 2 महीने ही बचे हुए हैं। ऐसे में मूर्तिकार काफी चिंता में है। लिहाजा सरकार को इस बाबत अपने दिशानिर्देश तत्काल जारी करने चाहिए। मूर्तिकारों ने सरकार के इन्हीं दिशानिर्देशों की वजह से अभी तक मूर्तियां बनाने का काम भी शुरू नहीं किया था।
दिशानिर्देश के अनुसार गणेश उत्सव के संदर्भ में इजाजत लेना जरूरी, कोरोना संक्रमण को देखते हुए गणेशोत्सव को सादगी पूर्ण तरीके से मनाया जाए। विसर्जन कृत्रिम तालाब में किया जाए, मंडप में भीड़ नही होनी चाहिए, भीड़ को काबू में रखने के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की जाए, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जगह स्वास्थ्य से जुड़े जागरूकता वाले कार्यक्रम प्राथमिकता दी जाए, गणपति पंडाल में सैनिटाइज़ेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध हो।