उत्तराखंड में किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए एक अपने तरह का एक अनोखा किसान बैंक बनाया गया है।
इस बैंक की खासियत यह होगी कि यहां किसानों को महज 7 फीसदी की दर पर ऋण उपलब्ध होगा और बैंक में एकल खिड़की प्रणाली होगी। यानी कि किसानों को ऋण लेने के लिए एक जगह से दूसरी जगह पर भटकना नहीं होगा।
राज्य के कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सामाजिक कार्यकर्ता अनिल प्रकाश जोशी के साथ मिलकर बुधवार को इस बैंक का उद्धाटन किया। इस बैंक की और एक बड़ी विशेषता यह होगी कि यहां किसान अपने कर्ज को नकदी के रूप में तो चुकता कर ही सकेंगे, साथ ही वे अपनी पैदावार के जरिये भी कर्ज चुका सकेंगे।
बैंक किसानों से उनकी पैदावार को खरीद लेगा और इस तरह उनका कर्ज भी चुकता हो जाएगा। किसानों को अपनी फसलों को बेचने के लिए बाजार का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
शुरुआती चरण में राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में बैंक की 10 शाखाओं का परिचालन शुरू होगा।बैंक में अब तक 500 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है।
सदस्यता के लिए 50 रुपये की जमा राशि तय की गई है। बैंक में एक साझा सुविधा केंद्र तो होगा ही साथ ही किसानों के लिए अलग से एक नॉलेज बैंक की व्यवस्था भी होगी।
किसान बैंक ने किसानों को 7 फीसदी की दर पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड ग्रामीण बैंक (यूजीबी) के साथ गठजोड़ किया है। यूजीबी के अध्यक्ष टी कपूर ने बताया कि किसानों को जो ऋण दिया जाएगा, वह बाजार दर से 5 फीसदी कम दर पर होगा।
वहीं जोशी ने बताया कि वाजिब कीमत पर उन्नत किस्म की बीज उपलब्ध कराने के लिए बैंक ने माहिको सीड लिमिटेड जैसी प्रमुख बीज कंपनियों के साथ करार किया है। बैंक किसानों से जो फसल खरीदेगा उसे खुले बाजार में बेचने की योजना है।