उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्षी समाजवादी पार्टी ने प्रदर्शन किया, तो कांग्रेस ने राज्यपाल आवास तक मार्च निकाला। प्रदेश सरकार पर लगातार हमलों के बाद भी आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह विधानसभा पहुंच गए और विधायकों से बढ़ते अपराध पर विरोध जताने की अपील की। हालांकि दिवंगत विधायकों व सदन के पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद गुरुवार को विधानसभा स्थगित कर दी गई और विधायी कार्य शुक्रवार को होंगे। इस बार महामारी के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र केवल तीन दिन ही चलेगा जिसमें विधायी कार्य के दो ही दिन होंगे।
सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने विधानभवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। सपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। सरकार इन दोनों ही मोर्चों पर पूरी तरह असफल रही है। इस दौरान विधानभवन में प्रवेश कर रहे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का सपाइयों ने घेराव किया और नारेबाजी की। सपा नेता प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने तख्ती और पोस्टर पर सरकार विरोधी नारे लिख रखे थे।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे लालजी टंडन, प्रदेश की मंत्री कमल रानी वरुण और चेतन सिंह चौहान तथा दो मौजूदा विधायकों वीरेंद्र सिंह सिरोही और पारस नाथ यादव को श्रद्धांजलि देने के बाद विधान परिषद की कार्यवाही कल शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई। कांग्रेस के विधान परिषद में नेता सदन दीपक सिंह ने योगी सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदन से लेकर सड़क तक जनता की आवाज उठाएगी और जनता के हितों के लिए कांग्रेस कोई भी कीमत देने को तैयार है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लगातार हमला बोल रहे आम आदमी पार्टी सांसद तमाम प्रतिबंधों के बाद भी गुरुवार को विधानसभा के अंदर पहुंच गए। आप के राज्यसभा सांसद संजय पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 9 मुकदमें दर्ज हैं। संजय सिंह के आने की खबर लखनऊ जिला प्रशासन को पहले से थी और उनको रोकने के लिए विधानसभा के हर गेट पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। आप सांसद ने विधानसभा के भीतर विपक्ष व सत्ता पक्ष के तमाम विधायकों से मुलाकात की और योगी सरकार के अत्याचारों पर सदन के भीतर आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने योगी राज में ब्राह्मणों पर हो रहे हमलों के बारे में बताते हुए खुल कर विरोध जताने के लिए कहा।