सब्जियों के खरीदारों का होगा खेतों में डेरा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 1:03 PM IST

परिवहन लागत को कम करने और कृषि उपज में हो रही बर्बादी को रोकने के लिए लखनऊ स्थित एक निजी कंपनी ने शहर में मोबाइल प्री कूलिंग और प्री पैकेजिंग यूनिट को शुरू करने का फैसला किया है।


रेनबो ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मंसूर नदीम लारी द्वारा तैयार इस योजना के तहत किसानों से फल और सब्जियों की खरीदारी सीधे खेतों से की जाएगी। लारी ने बताया, ‘हम लोग किसानों को उनके सबसे निकटतम मंडी मूल्यों के आधार पर पेशकश करेंगे।’

किसानों से खरीदे जाने वाली फल-सब्जियों को कम तापमान पर फौरन रेफ्रिजरेटर में रखा जाएगा ताकि उसकी ताजगी को बरकरार रखा जा सके। उन्होंने बताया, ‘क्योंकि हम लोग सीधे खेतों से खरीददारी करेंगे, इसलिए परिवहन लागत को कम करने में मदद मिलेगी। मसलन खेतों से मंडी तक जाने में जो परिवहन खर्चा होता है, वह किसानों को नहीं देना पड़ेगा।’ राष्ट्रीय बागवानी मिशन ने इस परियोजना को मंजूरी देने के साथ ही यह भी फैसला किया है कि इस परियोजना के परिचालन लागत में 25 फीसदी सब्सिडी भी मुहैया कराई जाएगी।

कंपनी दो मोबाइल वैनों के साथ परियोजना शुरू करेगी और एक साल के भीतर वैनों की संख्या बढ़ाकर 10 से 15 की जाएगी। परियोजना को पूरी तरह चालू करने के लिए शुरुआती दौर में 40 लाख रुपये निवेश करने होंगे। इसमें मोबाइल वैन की कीमत भी शामिल है, जो 24 लाख रुपये है। एक मोबाइल वैन की क्षमता 10 टन की होगी। लखनऊ के अलावा यह वैन बाराबंकी, बहराइच, राय बरेली आदि इलाकों को भी कवर करेगी। लारी ने बताया, ‘हम चाहते हैं कि किसान मूल्य वर्धित उत्पादों का ज्यादा उत्पादन करे ताकि उन्हें बेहतर रिटर्न मिल सके।

हम लोग किसानों को भंडारण रैक और कैरेट्स भी मुहैया कराएंगे ताकि वे उसमें उत्पादों को साफ और ताजा रख सकें।’ उत्पादों की खरीदारी के बाद उसकी गुणवत्ता के आधार पर ग्रेड दिए जाएंगे और उसके बाद ही कीमत और बाजार का फैसला किया जाएगा। लारी ने बताया, ‘किसानों की उपज की आपूर्ति के लिए हम लोग रिलांयस फ्रेश और दिल्ली स्थितसफल से बातचीत कर रहे हैं। बाजार में बेहतर प्रवेश के लिए हम लोग स्थानीय हॉकरों से भी संपर्क करेंगे और साथ ही लखनऊ में खुद की रिटेल चैन भी शुरू करेंगे।’

First Published : July 24, 2008 | 10:11 PM IST