सीआईआई के नए अध्यक्ष वेणु श्रीनिवासन आज पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुध्ददेव भट्टाचार्य से मिलेंगे। इस बैठक में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (ठेके पर खेती) से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।
गौरतलब है कि राज्य सरकार इसका विरोध करती आई है। श्रीनिवासन ने पत्रकारों को बताया कि, ‘हम पश्चिम बंगाल के साथ काम करना चाहते हैं, ताकि दूसरे सूबों के मुकाबले इसकी लोकप्रियता में इजाफा हो। साथ ही, हम विनिर्माण उद्योग को वापस राज्य की तरफ लेकर आना चाहते हैं। हम मुख्यमंत्री से मिलकर इस बात का अनुरोध करेंगे कि यहां कृषि में प्राइवेट सेक्टर को निवेश करने की इजाजत दी जाए।’
सीआईआई के अधिकारियों के मुताबिक चाहे पंजाब में पेप्सी हो या महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आईटीसी ई चौपाल हो, जहां भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की इजाजत दी गई है, उससे किसानों को फायदा ही हुआ है।
सीआईआई के पूर्वी भारत के उपाध्यक्ष कुरुश ग्रांट ने बताया कि, ‘हमारे मुताबिक तो सभी राज्यों को आदर्श कृषि विपणन उत्पाद सीमित (एएमपीसी) कानून को लागू कर देना चाहिए।’ साथ ही, सीआईआई राज्य सरकार ने पारदर्शी लैंड बैंकों को भी बनाने का अनुरोध करेगी।
श्रीनिवासन ने कहा कि, ‘यह बेहद जरूरी है कि राज्य सरकार पारदर्शी तरीके से जमीन लेकर उससे उद्योग जगत को दे। अलग-अलग राज्य इसके अलग-अलग मॉडलों को अपना रहे हैं। चूंकि, कंपनियों के लिए जमीन के बड़े हिस्से का अधिग्रहण करना मुमकिन नहीं है, इसलिए हम चाहते हैं कि राज्य सरकार को पारदर्शी लैंड बैंकों का निर्माण करे।’