ऐतिहासिक शहर ग्वालियर की सूरत अगले पांच सालों में बदलने वाली है। बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां यहां पर निवेश करने की योजना बना रही है।
बहुत सारी कंपनियां काउंटर मैग्नेट सिटी, जिसे ग्वालियर वेस्ट के नाम से भी जाना जाता है, पर नजर टिकाए हुए है। यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आता है। ग्वालियर में काउंटर मैग्नेट सिटी का निर्माण एनसीआर प्लान 1989 के तहत किया जा रहा है।
ये उन पांच काउंटर मैग्नेट सिटी में शुमार है, जिसका निर्माण दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में जनसंख्या के दबाव को स्थानांतरित करने के लिए विकसित किया जा रहा है। दिल्ली से ग्वालियर सिटी नजदीक भी है और वहां जाने के लिए रेल और हवाई सारे साधन मौजूद हैं। हालांकि जमीन के आवंटन में हो रही बेवजह देरी के कारण निवेशक लागत मूल्य बढ़ने की आशंका से चिंतित हैं।
आवेदन और सहमति पत्र पर इन कंपनियों ने राज्य प्राधिकरण की देख रेख में पिछले साल हीं हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन ये दस्तावेज आज तक घूल फांक रहे हैं। ग्वालियर के काउंटर मैग्नेट सिटी (सीएमसी) को अल्ट्रा मॉडर्न सिटी के तौर पर विकसित करने की योजना है।
हालांकि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकार (एसएडीए) ने इस योजना के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है, लेकिन इसके बावजूद बहुत सारी ऐसी समस्याएं हैं, जिसकी वजह से 30,000 हेक्टेयर का यह भूखंड अभी तक खंटाई में पड़ा हुआ है। इनमें से 14,000 हेक्टेयर जंगल है और लगभग 16,000 हेक्टेयर जमीन विकास के लिए रखी गई जमीन है।
कुछ डेवलपर्स इन भूखंडों पर अल्ट्रा मॉडर्न सुविधाओं से लैस विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने की सोच रहे हैं , तो कोई इस पर नॉलेज सिटी या एडुकेशन हब या डिजीटल सिटी बनाना चाहता है। मुंबई की एक कंपनी सुनील मंत्री रियल्टी लिमिटेड ने सीएमसी क्षेत्र में 375 एकड़ जमीन हासिल किया है।
यह कंपनी और 2000 एकड़ जमीन हथियाने की जुगत लगा रही है ताकि निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों की आवासीय जरूरतों को भी पूरा किया जा सके। कंपनी ने एसएडीए ग्वालियर के साथ 2000 करोड़ रुपये के निवेश का समझौता किया है, जो आगामी सात-आठ सालों में कार्यान्वित किया जाएगा।
कंपनी के अध्यक्ष सुनील मंत्री ने कहा कि इन 375 एकड़ भूखंड पर 1000 आवासीय इकाइयों के दो कॉम्प्लेक्स और एक शॉपिंग मॉल बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमलोग 2000 एकड़ की अतिरिक्त भूखंड हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर निम् और मध्यम आयवर्ग के लिए बंगला बनाया जाएगा और उसकी कीमत क्रमश: 5 लाख और 20 लाख तक रखी जाएंगी।
वैसे कंपनी लागत मूल्य को कम करने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ भी हाथ मिलाने की सोच रही है। ग्वालियर में डकैती की बढ़ती घटनाओं और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के कारण उद्योगों का विस्थापन होने लगा था, लेकिन पिछले कुछ सालों में स्थितियों में सुधार आया है।
एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड भी मालनपुरा क्षेत्र में 19000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि पिछले माह आयोजित निवेशक सम्मेलन के बाद राज्य में निवेश आकर्षित होने की काफी उम्मीदें हैं और सरकार भी इस दिशा में ठोस पहल कर रही है।
एनसीआर प्लान
एनसीआर प्लान के तहत अल्ट्रा मॉडर्न सिटी बनेगा ग्वालियर
कहां होगा निवेश
रियल एस्टेट, शिक्षा और विनिर्माण क्षेत्र में निवेश की पेशकश
निवेशक परेशान
जमीन आवंटन में देरी और लागत मूल्य बढ़ने से निवेशक हैं चिंतित
बदला माहौल
घटने लगा है क्षेत्र में डकैतों का असर