पारे के ऊपर चढ़ने के साथ ही छत्तीसगढ़ में बिजली बोर्ड के अधिकारियों के भी पसीने छूटने लगे हैं।
गर्मी के मौसम में राज्य में बिजली की मांग में करीब 700 मेगावाट का इजाफा हुआ है।बिजली बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि मांग में आगे और बढ़ोतरी होती है तो छत्तीसगढ़ राज्य बिजली बोर्ड (सीएसईबी) को मांग और आपूर्ति के बीच तालमेल स्थापित करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा वर्ना राज्य भारी बिजली संकट की चपेट में आ जाएगा।
अधिकारी के मुताबिक राज्य के पास 2450 मेगावाट बिजली है। बिजली की मांग भी लगभग इसी स्तर तक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि गर्मी के बढ़ने के साथ ही एयर कंडीश्नर जैसे कूलिंग उपकरणों की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके कारण बिजली संकट के हालात बन सकते हैं। बोर्ड ने किसानों से व्यस्त सत्र के दौरान टयूब वेल का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है।
इस बीच बिजली बोर्ड के फील्ड अधिकारियों को बिजली का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए सचेत कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि झग्गी-झोपड़ियों में लोग मुख्य लाइन से चोरी छिपे क्नेक्शन लेकर बिजली का दुर्पयोग करते हैं।
उन्होंने बताया कि बिजली की चोरी को रोकने के लिए सभी संभव उपाए किए जा रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि बिजली की मांग आगे और बढ़ती है तो राज्य में बिजली की कमी हो जाएगी। कुछ वर्षो पहले तक छत्तीसगढ़ बिजली की अधिकता वाला राज्य था।
यह राज्य ताप बिजली और पन बिजली दोनों के उत्पादन में काफी आगे हैं। हालांकि मांग बढ़ने के कारण अब राज्य की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। अधिकारियों का मानना है कि खर्च पर नियंत्रण के जरिए बिजली की मांग को पूरा कर लिया जाएगा।