कौन सुने चंडीगढ़ के स्क्रू उद्योग की फरियाद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 11:41 PM IST

चंडीगढ़ में पेंचकस और नटबोल्ट बनाने वाली कंपनियां बुरे दौर से गुजर रही है।


चंडीगढ़ स्थित यह कंपनियां एशिया में स्क्रू, नटबोल्ट और पेंचकस बनाने वाली कंपनियों के  सबसे बड़े समूह को बनाती है। इस उद्योग के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा 2005 में घोषित की गई नीति में किरायाशुल्कों को बढ़ा दिया गया है।


इस नीति में व्यावसायिक क्रियाक्लापों के लिए औद्योगिक क्षेत्र का प्रयोग करने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए कंपनी मालिक को परिवर्तन शुल्कों को अदा करना होगा। ऐसी स्थिति में कई कंपनियों के मालिकों ने मुनाफे के खातिर अपने द्वारा अदा किये जाने वाले किराये की दरों को बढ़ा दिया।


चंडीगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र के फेस 1 और फेस 2 में लगभग 400 छोटे और लघु उद्योग इकाइयां है। इनमें से ज्यादातर किराये की जगह पर चलाई जा रही है। वर्तमान में इन इकाइयों को किराये की दरों के बढ़ने के कारण काफी दिक्कत का समाना करना पड़ रहा है। यहीं नहीं इन इकाइयों में से लगभग 200 को जगह खाली करने की सूचना भी दी जा चुकी है।


उद्यमियों को इस बात का डर सता रहा है कि उनसे यह जगह कभी भी खाली कराई जा सकती है। एक उद्यमी का कहना है कि उसके मकान मालिक ने कई महीने से किराये की रसीदे भी नहीं दी है। यह साफ तौर पर दिखाता है कि मकान मालिक अपनी प्राथमिकताओं को बदल रहें है।


मकान मालिक लोगों से कुछ हिस्सा क्षतिपूर्ति के तौर पर लेना चाहते है। इसके लिए वो अपना दमखम दिखाने और हमारे उद्योग के लिए जरुरी बिजली की सप्लाई को काटने में भी नहीं झिझकते है। इस बाबत चंडीगढ़ स्क्रू मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आर एस राठौर का कहना है कि चंडीगढ़ एक नियोजित शहर है। इसलिए यहां किसी भी तरह की औद्योगिक क्रिया औद्योगिक क्षेत्र में ही संपन्न किया जा सकता है।


चंडीगढ़ में फर्नीचर, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक सामानों की अच्छी खासी बाजार होने के कारण स्कू्र  उद्योग के लिए अपार संभावनाए मौजूद है। एसोसिएशन ने रायपुरकलां गांव के फेस 3 में बनने वाले औद्योगिक क्षेत्र में जगह के आंवटन के लिए अभी से अर्जी लगाना शुरु कर दिया है।


राठौर का कहना है कि चंडीगढ़ का प्रशासन उद्योगों के विकास के लिए कुछ खास नहीं करता है। एसोसिएशन के महासचिव भूपेन्द्र सिंह सैनी का कहना है कि 500 करोड़ रुपये के कारोबार वाले इस उद्योग ने लगभग 20 हजार लोगों को रोजगार प्रदान कर रखा है।

First Published : April 24, 2008 | 10:21 PM IST