पेइचिंग ओलंपिक में भारत की अप्रत्याशित सफलता से लाखों देशवासियों ही नहीं बल्कि जालंधर में खेल का सामान बनाने वाले करीब 1200 उद्यमियों के चेहरे भी खिल उठे हैं।
उद्यमियों को उम्मीद है कि बच्चे अब बॉक्सिंग और निशानेबाजी को भी गंभीरता से लेंगे। इस कारण कारोबारी मौजूदा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और पोर्टफोलियो में नए उत्पादों को शामिल करने की तैयारी करने लगे हैं।
बॉक्सिंग का सामान बनाने वाले यूनीवर्सल स्पोटर्स के प्रबंध साझेदार ए एन चङ्ढा ने बताया कि ‘मेरा मानना है कि निकट भविष्य में घरेलू बाजार में बॉक्सिंग उपकरण की मांग बढ़ेगी और इसके मुताबिक हम अपनी उत्पादन क्षमताओं में बढ़ोतरी करेंगे।’ अभिनव बिद्रा द्वारा स्वर्र्ण पदक जीतने के बाद निशानेबाजी उपकरणों की मांग में भारी तेजी आ चुकी है।
बीट ऑल स्पोट्स के आर सी कोहली ने बताया कि अभी तक बॉक्सिंग और बैडमिंटन उपकरणों की बिक्री काफी कम थी लेकिन अब इसमें तेजी आएगी। ओलंपिक के बाद कई विनिर्माता बॉक्सिंग के सामान को अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में शामिल करने की तैयारी कर रहे हैं और इसके लिए विनिर्माण इकाई बनाने पर विचार चल रहा है। जालंधर का खेल उद्योग सीधे तौर पर 10,000 लोगों को रोजगार मुहैया कराता है जबकि अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार पाने वालों की संख्या 40,000 से अधिक है।