उत्तराखंड में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने छोटे और मझोले कारोबारियों पर मंदी के असर का आकलन करने के लिए बुधवार को एक बैठक की।
यह बैठक भारतीय रिजर्व बैंक की पहल के बाद की गई है, जिसमें छोटे कारोबारियों को दिए जाने वाले कर्ज को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई।
राज्य के मुख्य सचिव एन एस नेपालचायल और विभिन्न उद्योग संघों की मौजूदगी में शीर्ष बैंक अधिकारियों ने कहा कि कहा कि रिजर्व बैंक के ताजा दिशा निर्देशों के बाद बैंक कई कदम उठाएंगे, जिसमें जागरूकता कार्यक्रम भी शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ने बैंकों से सूक्ष्म, छोटे तथा मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के बकायों को पुनर्गठित करने और तय सीमा तक कर्ज देने के लिए कहा है। इसके अलावा इस क्षेत्र पर मंदी के असर का आकलन करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
रिजर्व बैंक की यह पहल काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि बाजार में मांग बिल्कुल नहीं है और उद्योग इस समय बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है। एसएलबीसी के संयोजक उद्योगों को आसानी से कर्ज मुहैया कराने पर भी सहमत हो गए हैं।
बैंकों के प्रत्येक क्षेत्रीय और आंचलिक कार्यालय एमएसएमई को दिए जा रहे कर्ज की करीब से निगरानी करेंगे और प्रमुख केंद्रों में हेल्प डेस्क की स्थापना भी की जाएगी।
भारतीय स्टेट बैंक के उप महा प्रबंधक महीप कुमार ने बताया कि ‘इस बैठक के जरिए हम इस बात से अवगत हो सकेंगे कि वैश्विक आर्थिक मंदी की आंच सह रहे छोटे उद्योगें के असल हालात क्या हैं।’ नेपालचायल ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र की मदद के लिए उद्योगों को राहत देने सहित हर संभव उपाए करेगी।