राजनीति

चंपाई सोरेन ने JMM छोड़ने को लेकर दिया बयान, कहा- CM रहते मेरा अपमान हुआ, आगे की राह खुली

हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव कार्यक्रम ‘निर्वाचन आयोग द्वारा नहीं, बल्कि राज्य में विपक्षी पार्टी (भाजपा) द्वारा तय किया

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भाषा   
Last Updated- August 18, 2024 | 10:53 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच रविवार को दिल्ली पहुंचे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि उनके लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं। दूसरी ओर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है।

चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर विस्तृत लेख लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि झारखंड का मुख्यमंत्री रहते हुए उनका अपमान किया गया। उन्होंने कहा, ‘झारखंड का बच्चा- बच्चा जनता है कि अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने कभी भी, किसी के साथ न गलत किया, न होने दिया। इसी बीच, हूल दिवस के अगले दिन, मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया है। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था।’

उन्होंने लिखा, ‘क्या लोकतंत्र में इससे अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे?’

उन्होंने कहा, ‘कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था। बैठक के दौरान मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था।’

इससे पहले, दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद चंपाई सोरेन ने पत्रकारों से कहा कि वह ‘निजी’ यात्रा पर राष्ट्रीय राजधानी आए हैं। भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

चंपाई के दिल्ली पहुंचने और यहां अलग बयान देने के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने और समाज को बांटने का आरोप लगाया। गोड्डा जिले में एक सरकारी समारोह को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि भाजपा गुजरात, असम और महाराष्ट्र से लोगों को लाकर ‘आदिवासियों, दलितों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों के बीच जहर फैलाने और उन्हें एक-दूसरे से लड़वाने’ का काम कर रही है। वे विधायकों की खरीद-फरोख्त करते हैं। पैसा ऐसी चीज है कि नेताओं को इधर-उधर जाने में ज्यादा समय नहीं लगता।’

हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव कार्यक्रम ‘निर्वाचन आयोग द्वारा नहीं, बल्कि राज्य में विपक्षी पार्टी (भाजपा) द्वारा तय किया जाएगा। ऐसा लगता है कि निर्वाचन आयोग अब संवैधानिक संस्था नहीं रह गया है, क्योंकि इस पर भाजपा के लोगों का कब्जा हो गया है।’

First Published : August 18, 2024 | 10:53 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)