राजनीति

गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा में पिछड़े वर्ग को साधा, कहा- कांग्रेस सत्ता में आई तो आरक्षण छीन कर मुसलमानों को दे देगी

हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने पिछड़े वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का खूब जिक्र किया।

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भाषा   
Last Updated- July 16, 2024 | 10:21 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को हरियाणा के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से अपील करते हुए कहा कि वे राज्य में बैसाखियों पर चलने वाली नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनवाएं, ताकि उसे काम करने के लिए किसी के सहारे की जरूरत न हो। राज्य में इसी वर्ष अक्टूबर में विधान सभा चुनाव होंगे।

भाजपा यदि हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाना चाहती है तो उसके लिए उसे उच्च जातियों और ओबीसी को हर हाल में अपने साथ जोड़ना होगा। उसे कांग्रेस के दलित और जाट गठजोड़ की काट ढूंढ़ने के लिए भी उच्च जातियों और ओबीसी का समर्थन चाहिए, क्योंकि जाट-दलित की अचूक रणनीति ने हालिया लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को 10 में से 5 सीट दिलाई थीं।

हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने पिछड़े वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का खूब जिक्र किया। उन्होंने कांग्रेस पर पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि यदि विपक्षी दल हरियाणा की सत्ता में आया तो वह पिछड़ों से आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे देगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कर्नाटक में भी पिछड़ों का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को दे चुकी है। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां ऐसी सरकार बनवाने के लिए नहीं आया, जो बैसाखियों पर निर्भर हो। यहां पिछड़े वर्ग को यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बने।’

एक महीने से भी कम समय में शाह का हरियाणा का यह दूसरा दौरा था। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य की सैनी सरकार की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि नायब सिंह सैनी सरकार ने पिछड़े वर्ग की क्रीमीलेयर वर्ग की वार्षिक आय सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दी है। इससे युवाओं को बहुत फायदा होने वाला है। मुख्यमंत्री सैनी ने भी ऐलान किया कि ग्रुप ए और ग्रुप बी की नौकरियों के लिए पिछड़े वर्ग का आरक्षण मौजूदा 15 फीसदी से बढ़ाकर केंद्र सरकार की नीति के समान 27 प्रतिशत किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ी जातियों को सामूहिक रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का नाम दिया, जबकि हरियाणा ने इन समुदायों को पिछड़ा वर्ग (बीसी) के रूप में पहचान दी है। बीसी को भी उपश्रेणी बीसी-ए और बीसी-बी में वर्गीकृत किया गया है। बीसी-ए में 72 और बीसी-बी में लगभग आधा दर्जन ऐसी जातियां शामिल हैं, जिनकी स्थिति कुछ बेहतर है। इनमें अहीर, गुज्जर जैसी जातियां शामिल हैं।

हाल ही में संपन्न हुए 2024 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 10 में से पांच सीट जीती थीं। इनमें अंबाला और सिरसा की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित दो सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा सोनीपत, रोहतक और हिसार जैसी जाट बहुल वाली तीन सीट पर भी कांग्रेस ने अपना परचम लहराया। दूसरी ओर, भाजपा को करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, भिवानी-महेंद्रगढ़ और कुरुक्षेत्र जैसी उच्च जातियों और ओबीसी अधिसंख्य वाली सीट पर जीत मिली थी।

इस चुनाव में भाजपा का वोट शेयर भी 2019 के 58.20 फीसदी से गिरकर 46.11 फीसदी पर आ गया, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को सामूहिक रूप से राज्य की 47.61 फीसदी जनता के वोट मिले। खास यह कि गठबंधन की नेतृत्वकर्ता कांग्रेस ने राज्य की नौ जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने एक सीट पर लोक सभा चुनाव लड़ा था। इसमें कांग्रेस को 43.67 फीसदी जबकि आप को 3.94 फीसदी वोट मिले।

इस साल मार्च में लोक सभा चुनाव से कुछ ही सप्ताह पहले राज्य में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना की मांग उठाई थी। राहुल गांधी की इस मांग के प्रभाव की व्यापकता को भांपते हुए भाजपा ने तुरत-फुरत हरियाणा में पंजाबी समुदाय की उच्च जाति से आने वाले मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाकर पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले नायब सिंह सैनी को राज्य की बागडोर थमा दी।

सन 2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 19.35 फीसदी है। यहां जाट 7 फीसदी, ओबीसी एवं उच्च जातियां 38 फीसदी हैं। पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में पिछड़े वर्ग से 27 मंत्री बनाए गए हैं। इन में दो हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं।

शाह ने कहा कि आपके मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ऐसे व्यक्ति हैं, जो हमेशा लोगों की समस्याएं सुनने और उन्हें दूर करने के लिए उपलब्ध रहते हैं। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान का जवाब देते हुए शाह ने कहा, ‘हुड्डा साहब, आपको पहले अपने 10 वर्षों के कुशासन में हरियाणा को विकास से वंचित करने का हिसाब देना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं बनिया समुदाय से आता हूं। मैं एक-एक पाई का हिसाब रखता हूं।’

वर्ष 2014 के विधान सभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा में पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन पांच साल बाद 2019 के चुनाव में उसकी सीट संख्या घट गई और उसे स्थानीय राजनीतिक दल जजपा के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनानी पड़ी थी।

First Published : July 16, 2024 | 10:21 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)