दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख सिख नेता मनजिंदर सिंह सिरसा सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो कोविड महामारी के दौरान ‘ऑक्सीजन लंगर’ के आयोजन को लेकर चर्चा में रहे थे। आगामी 28 फरवरी को 53 साल के होने जा रहे सिरसा ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने अपनी मातृभाषा पंजाबी में शपथ ली।
दिल्ली मंत्रिमंडल में उनके शामिल होने को सिख समुदाय के बीच अपना समर्थन मजबूत करने के भाजपा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। सिख समुदाय किसान आंदोलन से निपटने को लेकर पार्टी की आलोचना करता रहा है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले अधिकतर किसान पंजाब से थे। ये कानून अब रद्द हो चुके हैं।
हालिया दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिरसा ने आम आदमी पार्टी की धनवती चंदेला को 18,190 मतों के अंतर से हराया। राजौरी गार्डन से तीन बार विधायक रहे सिरसा ने 2021 में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने पहली बार 2013 में अकाली दल के टिकट पर राजौरी गार्डन सीट जीती थी। सिख नेता नेपाल, चेन्नई, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं के बाद चलाए गए विभिन्न राहत प्रयासों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। सिरसा ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है।
निर्वाचन आयोग को सौंपे गए हलफनामे के अनुसार सिरसा की कुल संपत्ति 188 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि उनकी पत्नी सतविंदर कौर सिरसा के पास 71 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। हलफनामे में उनके खिलाफ एक प्राथमिकी और चार आपराधिक मानहानि के मामलों का भी उल्लेख है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)