International Chess Federation
अपने आदर्श विश्वनाथ आनंद को पछाड़कर भारत के शीर्ष खिलाड़ी बने डी गुकेश ने कहा कि वह अपने खेल में सुधार को निरंतर जारी रखना चाहते हैं। सत्रह साल के गुकेश ने फिडे विश्व रैंकिंग में आनंद की 37 साल की भारतीय बादशाहत खत्म की। वह एक सितंबर को जारी रैंकिंग में आनंद पर चार अंक की बढ़त से 2754 रेटिंग अंक के साथ आठवें स्थान पर पहुंच गए। आनंद नौवें पायदान पर हैं।
एशियाई खेलों के शिविर और एक आमंत्रण टूर्नामेंट के लिए यहां आए गुकेश ने शनिवार को कहा कि वह हाल ही में विश्व कप क्वार्टर फाइनल में नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से हारने की निराशा से उबर चुके हैं।
गुकेश ने कहा, ‘यह (नुकसान) कुछ समय पहले ही हो चुका है। अब आगे कुछ चीजें हैं और मैं उस पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।’ गुकेश के पास अभी कोई प्रायोजक नहीं है और अपने खेल को जारी रखने के लिए पुरस्कार राशि और ‘क्राउड-फंडिंग’ की मदद लेते हैं। गुकेश ने कहा कि वह 2021 में वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी से जुड़े और इसके बाद से इस संस्था ने उनकी सफलता में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, ‘ (विश्वनाथन) आनंद सर ने मुझे बधाई दी। इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्होंने मेरे करियर में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। वह मेरे सबसे बड़े नायक और आदर्श हैं। मुझे उम्मीद है कि वह मेरी उपलब्धि से खुश होंगे।’ उन्होंने भारत के शीर्ष खिलाड़ी बनने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘यह अच्छा एहसास है। यह शानदार उपलब्धि है और मैं इससे खुश हूं।’
नार्वे के दिग्गज कार्लसन के बाद 2750 ईएलओ रेटिंग हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी बने गुकेश ने कहा, ‘मेरे प्रशिक्षकों और डब्ल्यूएसीए (वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी) ने मुझे इसके लिए तैयार करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई।’
हाल ही में बाकू में हुए शतरंज विश्व कप में भारत के चार खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल में पहुंचे जिसमें से 18 साल के आर प्रज्ञानानंदा टूर्नामेंट के उपविजेता बन कर उभरे। प्रज्ञानानंदा ने सबसे कम उम्र में विश्व कप का उपविजेता बनने के साथ कैंडिडेट टूर्नामेंट के लिए अपनी जगह पक्की कर ली।
कैंडिडेट टूर्नामेंट के विजेता को मौजूदा विश्व चैम्पिनशप खिताब के लिए डिंग लिरेन को चुनौती देने का मौका मिलेगा। कैंडिडेट टूर्नामेंट में अभी चार और स्थान बाकी हैं। इस साल अक्टूबर-नवंबर में आइल ऑफ मैन में फिडे ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट 2023 से कैडिडेट टूर्नामेंट के लिए दो स्थान पक्के होंगे। इसके अलावा ‘ फिडे सर्किट विजेता’ और ‘बेस्ट बाय रेटिंग’ को एक-एक स्थान दिया जाएगा। ‘फिडे सर्किट’ टेनिस में टूर अंक के समान है और रेटिंग में उतार-चढ़ाव होता रहता है, कट-ऑफ स्कोर वर्ष के अंत में तय किया जाता है।
गुकेश इस समय सबसे आगे चल रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कैंडिडेट टूर्नामेंट का स्थान हासिल करना उनका अगला लक्ष्य है, गुकेश ने कहा, ‘देखते हैं, कौन जानता है कि क्या होगा। अभी, मेरा लक्ष्य सिर्फ अपने खेल में सुधार करना है और देखना है कि यह मुझे कहां ले जाता है। मैं सिर्फ अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान देना चाहता हूं।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या मौजूदा पीढ़ी का कोई खिलाड़ी आनंद के बाद ऐसा करने वाला पहला भारतीय बन सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘यह जानकर अच्छा लगा कि हमारे दिग्गज (आनंद) हमारी तारीफ कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और फिर देखेंगे क्या होता है।’