लंबे इंतजार के बाद आज नीति आयोग ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी)के लिए बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा जारी कर दिया। बैटरी से चलने वाले वाहनों के जल्द प्रसार के लिए ईवी की कीमत कम करना, बैटरी, ईवी आपूर्ति उपकरणों तथा इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के बीच जीएसटी दरों में विसंगति समाप्त करना तथा उन्नत सेल केमिस्ट्री की सुरक्षा एवं प्रदर्शन सुनिश्चित करना 19 पृष्ठ की इस नीति की मुख्य बातें हैं। इसमें ईवी और बैटरी को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ कड़ी परीक्षण व्यवस्था का भी सुझाव दिया गया है। नीति का मसौदा उस समय आया है, जब इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के कई मामलों के बाद इन गाडिय़ों की सुरक्षा के प्रति चिंता बढ़ी है।
मसौदे में दिए गए सुझावों के मुताबिक पहले चरण में बैटरी अदला-बदली नेटवर्क का तैयार करने में 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरों को प्राथमिकता दी जाएगी। दोपहिया और तिपहिया वाहनों की अहमियत देखते हुए राज्यों की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालयों समेत पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा। आयोग ने संबंधित पक्षों से इस पर प्रतिक्रिया मांगी है, जिसकी आखिरी तारीख 5 जून है।
बैटरी अदला-बदली ईवी वाहनों के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था है। इसमें डिस्चार्ज हो चुकी बैटरी को चार्ज की हुई बैटरी से बदला जाता है। बैटरी अदला-बदली व्यवस्था वाले वाहनों को बिना बैटरी के बेचा जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों के लिए गाड़ी की लागत कम आएगी।
मसौदा विचार-विमर्श के लिए जारी किया गया है। आयोग ने 5 जून तक लोगों से इस पर अपने सुझाव देने को कहा है। इलेक्ट्रिक वाइन निर्माताओं के संगठन एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि बैटरी की जीवन अवधि और सुरक्षा को ई-स्कूटर के बजाय स्वैप स्टेशनों पर बेहतर ढंग से संभाला जा सकता है क्योंकि स्वैप स्टेशन में बैटरी को चार्जिंग के बाद ठंडा करने की भी सुविधा होती है।
नीति में सभी कारोबारी मॉडल में समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि ईवी खरीद के लिए मौजूदा या नई योजनाओं के तहत दिए जाने वाले मांग संबंधित प्रोत्साहन बैटरी अदला-बदली वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को उपलब्ध कराए जा सकते हैं। मसौदा कहता है कि प्रोत्साहन का आकार बैटरी की किलोवॉट रेटिंग और ईवी के हिसाब से तय किया जा सकता है। इसमें सब्सिडी के वितरण हेतु उपयुक्त प्रणाली संबंधित मंत्रालय या विभाग द्वारा तैयार किए जाने का भी प्रस्ताव है।बैटरी के मामले में उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने सख्त परीक्षण व्यवस्था का प्रस्ताव किया है। इसमें कहा गया है कि बैटरी की प्रबंधन प्रणाली निश्चित तौर पर स्व-प्रमाणित होनी चाहिए और परीक्षण के लिए खुली होनी चाहिए ताकि विभिन्न प्रणालियों के साथ इसकी उपयुक्तता तथा सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता की जांच की जा सके।
नीति के मसौदे में कहा गया है कि मौजूदा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में लीथियम आयन बैटरी पर 18 फीसदी और इलेक्ट्रिक वाहन उपकरणों पर 5 फीसदी कर है। जीएसटी प्रावधानों पर निर्णय लेने वाली जीएसटी परिषद दोनों कर दरों में अंतर कम करने पर विचार कर सकती है। नीति के मसौदे के अनुसार कोई भी व्यक्ति या इकाई किसी भी स्थान पर बैटरी अदला-बदली स्टेशन स्थापित करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि निर्धारित तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों का पालन किया जाए। चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र ईवी परिवेश में दक्षता में सुधार के लिए बैटरी अदला-बदली नीति लाएगा। इस संदर्भ में नीति आयोग ने मजबूत और व्यापक नीति रूपरेखा तैयार करने के लिए फरवरी, 2022 में अंतर-मंत्रालय चर्चा शुरू की थी।
सरकार ने ई-वाहन कंपनियों को चेताया
ई-वाहनों में आग लगने की बढ़ती घटना के बाद सरकार ने ऐसे वाहनों को बनाने वाली कंपनियों को आगाह किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सुरक्षा के उपाय करने में लापरवाही बरतने के लिए ऐसी कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। मंत्रालय ने बैटरी से चलने वाली दोपहिया वाहनों में हाल के दिनों में विस्फोट एवं आग लगने की घटनाओं के बाद इनकी जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इन घटनाओं में कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है। समिति इन घटनाओं की जांच के बाद इनकी रोकथाम के लिए उपायों की सिफारिश करेगी।