इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं देखते हुए सरकार ने उनके विनिर्माताओं को आगाह क्या किया, ई दोपहिया कंपनियोंं ने सुरक्षा जांच के लिए अपने वाहन बाजार से वापस मंगाने शुरू कर दिए। ओला इलेक्ट्रिक ने भी खास बैच के ई-स्कूटरों को बाजार से वापस मंगाने की कवायद शुरू की है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीते गुरुवार को ईवी कंपनियों से कहा था कि आदेश या दिशानिर्देश का इंतजार किए बिना जिम्मेदारी दिखाते हुए खामी वाले बैच के वाहनों की पहचान कर वापस मंगाने की पहल करे।
बेंगलूरु की कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने स्वैच्छिक तौर पर अपने 1,441 स्कूटरों की जांच शुरू की है। भवीश अग्रवाल की कंपनी एस1 मॉडल के ई-स्कूटरों को बाजार से मंगा रही है। इस स्कूटर में भी 26 मार्च को आग लगी थी। ओला तीसरी ई-स्कूटर विनिर्माता है, जो आग लगने की घटना के मद्देनजर अपने स्कूटरों को जांच के लिए बाजार से वापस मंगा रही है। इस महीने की शुरुआत में ओकीनावा ऑटोटेक और प्योर ईवी ने अपने दोनों मॉडलों के 3,000 और 2,000 स्कूटरों को वापस मंगाया है।
इस बीच लिथियम आयन बैटरी वाले स्कूटरों को लेकर चिंता गहरा गई है क्योंकि विजयवाड़ा में हाल ही में एक और घातक दुर्घटना हुई जिसमें 40 वर्षीय के शिव कुमार को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने चार दिन पहले ही बूम कॉर्बेट 14 इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदा था, जिसमें अचानक भीषण आग लग गई।
मीडिया की खबरों के अनुसार यह घटना उस समय हुई जब उनके स्कूटर की बदली जाने वाली बैटरी ने चार्जिंग के दौरान आग पकड़ ली। कुमार की पत्नी और उनकी दोनों बेटियां भी इस हादसे में गंभीर रूप से जल गई हैं। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बिज़नेस स्टैडर्ड को बताया कि स्कूटर का पंजीकरण सोमवार को किया जाना था। विजयवाड़ा के सूर्यापेट पुलिस थाने के अधिकारी एनवी सूर्यनारायण ने कहा, ‘कुमार ने ई-स्कूटकर खरीदा था और बैटरी को चार्जिंग पर लगाया था। सुबह करीब साढ़े तीन बजे पड़ोसियों ने बैटरी फटने की आवाज सुनी। उनका परिवार आईसीयू में है और स्थिति गंभीर है। बैटरी फटने की घटना में मौत होने के कारण हमने धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया है।’ बूम की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बैटरी बदलने की सुविधा देने वाले विनिर्माता के साथ यह पहली घटना हुई है लेकिन लिथियम-आयन बैटरी वाले ईवी को लेकर चिंता और बढ़ गई है। यह घटना ऐसे समय मं हुई है जब नीति आयोग ने कुछ दिन पहले ही बैटरी की अदला-बदली के लिए नीति का मसौदा जारी किया था। इसके तहत बैटरी की अदला-बदली के लिए स्टेशन बनाने का प्रस्ताव किया गया है ताकि दोपहिया और तिपहिया वाहनों की लागत कम हो सके।
सन मोबिलिटी के सह-संस्थापक और उपाध्यक्ष चेतन मैनी ने कहा कि पूरी तरह से चार्ज की हुई बैटरी को चार्ज करना खतरनाक है। बैटरी की अदला-बदली की व्यवस्था होने से इसका जोखिम 90 फीसदी तक कम हो जाएगा।
केंद्रीय मोटर यान नियामक के पूर्व चेयरमैन बलराज भनोट ने कहा कि बैटरी को वाहन का स्वतंत्र और महत्त्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए और इसे भारतीय मानक ब्यूरो की अनिवार्य मार्किंग के तहत लाना चाहिए और इस पर सख्त मूल्यांकन मानदंड लागू करना चाहिए।