सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत से उत्पादन प्रभावित होने की वजह से चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में वाहन विनिर्माता बिक्री बढ़ाने के लिए जूझते रहे। उम्मीद की जा रही थी इलेक्ट्रिॉनिक चिप की किल्लत धीरे-धीरे दूर हो जाएगी लेकिन चीन में कोविड महामारी के नए मामले बढऩे से चिप संयंत्रों को फिर से बंद करना पड़ा है। चिप की कमी के कारण देसी वाहन उद्योग की बिक्री लगातार चौथे साल घटने का जोखिम बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2020, 2021 और 2022 में वाहन कंपनियों की बिक्री प्रभावित हुई थी।
मारुति सुजूकी ने अप्रैल में 1,50,661 कारें बेचीं जबकि पिछले साल इस दौरान 1,59,691 कारों की बिक्री हुई थी। कंपनी ने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों की कमी से कारों का उत्पादन प्रभावित हुआ है। कंपनी इसके प्रभाव को कम करने का हरसंभव प्रयास कर रही है।’ अप्रैल में कंपनी के ऑल्टो और एस-प्रेसो मॉडल की 17,137 कार बिकीं, जो पिछले साल की समान अवधि की 25,041 कारों से कम है। कॉम्पैक्ट सेगमेंट में बलेनो, सेलेरियो, डिजायर, इग्निस, स्विफ्ट और वैगन आर की बिक्री भी घटकर 59,184 कारों की
रह गई। कंपनी ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसके पास 3.50 लाख कारों के ऑर्डर हैं लेकिन चिप की कमी के कारण उत्पादन
प्रभावित होने की वजह से वह ग्राहकों को कारों की आपूर्ति नहीं कर पा रही है।
मारुति सुजूकी के मुख्य वित्तीय अधिकारी अजय सेठ ने कहा, ‘सेमीकंडक्टरों की आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे आगे भी उत्पादन पर असर पड़ सकता है।’ कंपनी आपूर्ति सुधारने के लिए चिप विनिर्माताओं को बल्क ऑर्डर दे रही है।
हुंडई की घरेलू बिक्री भी अप्रैल में 10 फीसदी घटकर 44,001 कारों की रही। हालांकि इस दौरान टाटा मोटर्स की बिक्री करीब दोगुनी हो गई। कंपनी की कुल बिक्री 74 फीसदी बढ़कर 72,468 कारों की रही। अप्रैल 2021 में टाटा मोटर्स ने 41,729 कारों की बिक्री की थी। टाटा मोटर्स ने चिप की किल्लत के असर को कम करने के लिए ऑल-इन-वन रणनीति अपनाकर चिप के इस्तेमाल को कम कर दिया है।
टाटा मोटर्स के यात्री वाहन कारोबार इकाई के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने नतीजों की घोषणा के बाद कहा था, ‘हम स्टैंडर्ड चिप की जगह ऐप्लिकेशन आधारित चिप का उपयोग करने की संभावना तलाश रहे हैं और साथ ही चिप की उपयोगिता को बढ़ाकर उसके इस्तेमाल को कम करने पर ध्यान दे रहे हैं।’