टाटा मोटर्स के घरेलू कारोबार का प्रदर्शन उसके वैश्विक कारोबार के मुकाबले लगातार दमदार रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी ने अपने घरेलू कारोबार में करीब 22,300 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री दर्ज की जो किसी एक तिमाही के दौरान दर्ज सर्वाधिक शुद्ध बिक्री है। एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 15,390 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री दर्ज की थी। इस प्रकार तिमाही के दौरान कंपनी ने घरेलू बिक्री में 45 फीसदी की वृद्धि दर्ज की।
इसके मुकाबले कंपनी की समेकित शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर 3.2 फीसदी घटकर करीब 72,500 करोड़ रुपये रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में करीब 74,900 करोड़ रुपये रही थी।
यह ऐसी पहली तिमाही भी थी जब कंपनी ने वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही के बाद अपने यात्री वाहन कारोबार में मुनाफा दर्ज किया। वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही से आंकड़े अलग-अलग उपलब्ध होने लगे थे। उससे पहले कंपनी अपने पूरे घरेलू कारोबार के लिए एक साथ वित्तीय नतीजे जारी करती थी। वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी के घरेलू यात्री वाहन कारोबार ने 835 करोड़ रुपये का कर एवं ब्याज पूर्व लाभ (पीबीआईटी) दर्ज किया था जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 381 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था। हालांकि वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान 77 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में उसने 350 करोड़ रुपये का कर एवं ब्याज पूर्व लाभ दर्ज किया था।
कंपनी के घरेलू वाहन कारोबार के तहत वाणिज्यिक वाहन और टाटा ब्रांड से यात्री वाहन इकाई शामिल है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी की समेकित शुद्ध बिक्री में उसके घरेलू वाहन कारोबार का योगदान 31 फीसदी रहा जो दूसरी तिमाही में हासिल एक दशक की सर्वाधिक ऊंचाई 31.6 फीसदी से मामूली कम लेकिन पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के मुकाबले 20 फीसदी अधिक है।
हालांकि 12 महीने के आधार पर, कंपनी की कुल समेकित शुद्ध बिक्री में घरेलू वाहन कारोबार की हिस्सेदारी 26 फीसदी है जो वित्त वर्ष 2013 की तीसरी तिमाही के बाद सर्वाधिक है। टाटा मोटर्स के समेकित कारोबार में उसकी ब्रिटिश सहायक इकाई जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर), घरेलू वाहन फाइनैंस इकाई और घरेलू वाणिज्यिक वाहन एवं यात्री वाहन कारोबार शामिल हैं।
इसके विपरीत जेएलआर इकाई टाटा मोटर्स की कुल समेकित बिक्री में दो-तिहाई योगदान करती है लेकिन फिलहाल वह चिप किल्लत की समस्या से जूझ रही है। वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में जेएलआर की शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर 18.3 फीसदी घटकर 47,900 करोड़ रुपये रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 58,600 करोड़ रुपये थी।
कंपनी के घरेलू कारोबार में वृद्धि को मुख्य तौर पर उसकी यात्री वाहन इकाई से रफ्तार मिल रही है। तीसरी तिमाही के दौरान टाटा मोटर्स की यात्री वाहन इकाई का राजस्व सालाना आधार पर 72 फीसदी बढ़कर 8,600 करोड़ रुपये हो गया जो किसी एक तिमाही का सर्वाधिक आंकड़ा है। इसके मुकाबले वाणिज्यिक वाहन इकाई का राजस्व सालाना आधार पर 29.2 फीसदी बढ़कर 12,316 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 9,530 करोड़ रुपये रहा था।