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चिप संयंत्र के लिए तकनीकी साझेदारी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:45 PM IST

सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए आरएफपी के लिए आवेदन करने वाली तीन कंपनियां अगले बड़े कदम तैयारी कर रही हैं। ये कंपनियां अपने तकनीकी साझेदारों को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रही हैं ताकि सेमीकंडक्टर योजना के तहत प्रोत्साहन हासिल करने के लिए सरकारी पात्रता मानदंडों को पूरा किया जा सके।
इस मामले से अवगत सूत्रों का कहना है कि विजेता कंपनी अथवा कंपनियों को इसी साल अगस्त तक आशय पत्र जारी किए जा सकते हैं।
नेक्स्ट ऑर्बिट के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम आईएसएमसी के संस्थापक एवं सीईओ अजय जालाना ने कहा कि कंसोर्टियम ने इजराइल की कंपनी टावर कॉरपोरेशन (इंटेल द्वारा अधिग्रहीत) के साथ हस्ताक्षर वाला एक निश्चित समझौता पत्र जमा कराया है। टावर कॉरपोरेशन 65 नैनोमीटर फैब्रिकेशन और उत्पादन ग्रेड तकनीक की लाइसेंसिंग जैसे सभी प्रस्तावित मानदंडों को पूरा करती है।
सूत्रों का कहना है कि इंटेल ने भले इस सौदे की पुष्टि की है लेकिन वह अधिग्रहण के लिए सभी कानूनी मंजूरियां मिलने से पहले कागज पर कोई प्रतिबद्धता जाहिर नहीं कर सकती है।  जालाना ने इससे पहले कहा था कि यह कंसोर्टियम इंटेल में 10 से 15 फीसदी हिस्सेदारी भी ले सकता है। हालांकि इंटेल ने इस मुद्दे टिप्पणी करने से इनकार किया। जहां तक पात्रता मानदंडों का सवाल है तो आवेदक कंपनियों के पास संयुक्त उद्यम अथवा कंसोर्टियम के जरिये 65/45/28 नैनोमीटर का स्वामित्व हो और वे उसका परिचालन करती हों। अथवा उनके पास किसी सेमीकंडक्टर फैब में एडवांस्ड नोड प्रॉसेस अथवा 28 नैनोमीटर प्रॉसेस के लिए उत्पादन ग्रेड लाइसेंस प्रौद्योगिकी हो और वे लाइसेंसिंग अथवा डेवलमेंट के जरिये एडवांस्ड नोड प्रौद्योगिकी की रूपरेखा प्रस्तुत करें।
सिंगापुर की कंपनी आईजीएसएस वेंचर्स ने अन्य के अलावा बेल्जियम की कंपनी इंटर यूनिवर्सिटी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स सेंटर अथवा आर्एमईसी के साथ करार किया है। आईएमईसी प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग के लिए सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में एक गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संगठन है।
आईजीएसएस वेंचर्स के संस्थापक एवं सीईओ राज कुमार ने अपने चिप कारोबार के लिए प्रौद्योगिकी साझेदारी की रूपरेखा के बारे में बताते हुए कहा कि वह भारत में 28 से 65 नैनोमीटर दायरे में चिप का उत्पादन करना चाहते हैं। कुमार ने कहा, ‘हमारे पास आईएमईसी विशेष प्रौद्योगिकी के लिए तकनीकी लाइसेंसिंग साझेदार के तौर पर मौजूद है। यह गैर-विशेष करार है और हमें विशेष करार करने की आवश्यकता नहीं है। प्रमुख कार्य हमारी टीम और शेष हितधारक करेंगे। ‘
जहां तक वेदांत-फॉक्सकॉन संयुक्त उद्यम का सवाल है तो उसके ताइवानी साझेदार इस खेल में नया है। वैश्विक ईएमएस कंपनी के तौर पर चर्चित, खासतौर पर ऐपल फोन के लिए, उसने ताइवान में एक चिप संयंत्र खरीदा है और वह मलेशिया में चिप विनिर्माताओं के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित कर रही है।
फॉक्सकॉन इंडिया और वेदांत भारत में 28 नैनोमीटर चिप के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित रही हैं क्योंकि देश में उनका सबसे बड़ा बाजार है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि फॉक्सकॉन माइक्रोनिक्स कहीं अधिक नैनोमीटर के चिप का उत्पादन करती है। वेदांत ने प्रौद्योगिकी साझेदार के मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
 
 

First Published : July 7, 2022 | 1:15 AM IST