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वाहन शेयरों में तेजी, थोड़ी चिंता भी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 10:27 PM IST

वाहन और वाहन कलपुर्जा कंपनियों के शेयर सोमवार को तेजी दर्ज करने में सफल रहे। वाहन निर्माताओं द्वारा सप्ताहांत के दौरान दिसंबर के बिक्री अनुरूप दर्ज किए जाने की वजह से इनके शेयरों में मजबूती देखने को मिली।
उदाहरण के लिए, ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया का शेयर 7.7 प्रतिशत चढ़ गया, जबकि आयशर मोटर्स, अशोक लीलैंड, टाटा मोटर्स, भारत फोर्ज, और मारुति सुजूकी इंडिया के शेयरों में 1.4 प्रतिशत से लेकर 4.6 प्रतिशत के बीच तेजी आई। एक्साइड इंडस्ट्रीज, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर, और एमआरएफ में भी 1 प्रतिशत तक की तेजी आई।
विश्लेषकों का कहना है कि यह क्षेत्र (खासकर दोपहिया निर्माता) पूरी तरह चिंताओं से नहीं उबरा है और आगे की राह अस्थिर रह सकती है, क्योंकि कीमत वृद्घि, और तेल कीमतों की लागत बढऩे से उपभोक्ता खर्च सीमित हो सकता है। 

कैपिटलविया ग्लोबल रिसर्च में वाहन विश्लेषक हर्ष पाटीदार के अनुसार, सेमीकंडक्टर किल्लत, कोविड-19 मामलों में तेजी और अन्य आपूर्ति शृंखला समस्याएं बरकरार रहने से धारणा प्रभावित हो सकती है। 
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में शोध विश्लेषकों बासुदेब बनर्जी और प्रतिज जानी ने कहा, ‘यात्री वाहन (पीवी) मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) ने उत्पादन कटौती से प्रभावित हुए लोकप्रिय मॉडलों के लिए मांग बढऩे की उम्मीद की थी, वहीं शुरुआती स्तर के मांग रुझान (दोपहिया और पीवी समेत) कमजोर बने हुए हैं। भविष्य में, कीमत वृद्घि (जनवरी, 2021 से सभी सेगमेंटों में 8-10 प्रतिशत) और बढ़ती तेल कीमतों से शुरुआती स्तर पर उपभोक्ताओं का खर्च सीमित हो सकता है।’

हीरो मोटोकॉर्प और रॉयल एनफील्ड (आयशर मोटर्स की दोपहिया इकाई) ने 13 प्रतिशत और 43 प्रतिशत की मासिक वृद्घि दर्ज की, जबकि टीवीएस मोटर ने 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। 
ओईएम में, मारुति सुजूकी की लदान मासिक आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ी (सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई), और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की पीवी बिक्री मासिक आधार पर 9 प्रतिशत घट गई, जबकि यूटिलिटी वाहन यानी यूवी सेगमेंट ने 10 प्रतिशत की कमी दर्ज की। इसके विपरीत टाटा मोटर्स ने सालाना आधार पर 50 प्रतिशत की बिक्री दर्ज की।

एलकेपी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक अश्विन पाटिल का मानना है, ‘दिसंबर में दोपहिया प्रदर्शन कमजोर था, जबकि पीवी की मांग चिप किल्लत के बावजूद मजबूत रही। दूसरी कोविड लहर के बाद ग्रामीण बाजारों पर अभी भी दबाव बना हुआ है, और उन्हें उम्मीद के मुकाबले उबरने में ज्यादा समय लग रहा है। ओमिक्रॉन के मामलों की बढ़ती संख्या से कई राज्यों में प्रतिबंध लग रहे हैं जिससे मांग प्रभावित हो रही है और इसका प्रभाव देखा जा सकता है।’
उनका कहना है कि पीवी के मोर्चे पर, कई ओईएम को सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जो स्पोट्र्स और दोपहिया के प्रीमियम सेगमेंट में भी देखा गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि चिप किल्लत के बावजूद, कुछ पीवी उत्साहजनक मांग के लिहाज से अच्छे आंकड़े दर्ज करने में सफल रहे हैं। 

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में सेमीकंडक्टर आपूर्ति आसान होने से पीवी की थोक बिक्री को मदद मिलेगी, लेकिन दोपहिया सेगमेंट को सुधरने में समय लगेगा।

First Published : January 3, 2022 | 8:58 PM IST