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Chatbot डिजिटल कॉमर्स कंपनियों को दिला सकते हैं 12 अरब डॉलर

Published by
सुरजीत दास गुप्ता
Last Updated- March 05, 2023 | 11:43 PM IST

चैटबॉट डिजिटल कॉमर्स कंपनियों को लगभग 12 अरब डॉलर तक राजस्व अर्जित करने में मदद कर सकते हैं। चैटबॉट खंड की एक अग्रणी कंपनी हैप्टिक के मुख्य तकनीकी अधिकारी एवं सह- संस्थापक स्वपन राजदेव के अनुसार चैटबॉट इन कंपनियों के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं। डिजिटल कॉमर्स कंपनियों में ई-कॉमर्स, बीमा एवं वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, यात्रा, होटल और गेमिंग खंड की कंपनियां आती हैं।

एक अनुमान के अनुसार चैटबॉट कंपनियां डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले अपने ग्राहकों के कुल राजस्व में 20 प्रतिशत से अधिक योगदान दे सकती हैं। इस पूरी प्रक्रिया में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) आधारित चैटजीपीटी की भूमिका महत्त्वपूर्ण होगी। चैटजीपी के इस्तेमाल की मदद से ग्राहकों के साथ होने वाले संवाद अधिक तटस्थ, संभाषणीय और सहानुभूति पूर्ण हो जाएंगे।

राजदेव का कहना है कि सटीक आंकड़ा देना तो शायद मुश्किल है मगर मोटे अनुमान के अनुसार हैप्टिक के लघु एवं मझोले उद्यम (एसएमई) खंड के इस समय ग्राहक अपने कुल राजस्व में 50 प्रतिशत हिस्सा चैटबॉट के जरिये हासिल करते हैं। हालांकि बड़ी कंपनियों के मामले में यह आंकड़ा छोटा है। चैटबॉट उनके राजस्व में केवल 3-4 प्रतिशत योगदान देते हैं।

राजदेव कहते हैं, ‘अगले तीन वर्षों में भारत में कंपनियों के राजस्व में चैटबॉट की हिस्सेदारी आसानी से 20 प्रतिशत का आंकड़ा छू सकती है। हमें लगता है कि वैश्विक स्तर पर इसी अवधि के दौरान चैटबॉट के जरिये 20 अरब डॉलर से अधिक राजस्व अर्जित किए जाएंगे और इनमें करीब 30 प्रतिशत हिस्सा भारत से आएगा।’

हैप्टिक पिछले चार-पांच वर्षों से एआई जीपीटी का इस्तेमाल कर रही है। मगर अब अधिक से अधिक लोग चैटजीपीटी समझने लगे हैं इसलिए यह तकनीक काफी लोकप्रिय हो गई है। मेटा के व्हाट्सऐप की वजह से भी इसकी पहुंच बढ़ी है। चैटबॉट वार्तालाप के लिए व्हाट्सऐप सर्वाधिक लोकप्रिय प्लेटफॉर्म है। मेटा कंपनियों से 24 घंटे के ट्रांजैक्शन के हिसाब से शुल्क लेती है। इस वार्तालाप में कंपनी या ग्राहक द्वारा शुरू किए गए कई संवाद होते हैं।

अन्य प्लेटफॉर्म में इंस्टाग्राम, फेसबुक मैसेंजर और कंपनियों की वेबसाइटें शामिल हैं। हालांकि अमेरिका में एसएमएस सेवा अब भी सबसे अधिक इस्तेमाल की जाती है। राजदेव की कंपनी थोड़ी अलग तरह की सेवा देती है। सामान्य एआईजीपीटी इंटरनेट पर उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर किसी भी चीज का जवाब दे सकती है। मगर हैपटिक उद्यमों को डोमेन आधारित सेवा देती है जिसमें वार्तालाप कारोबार एवं इसके उत्पाद के हिसाब से होते हैं।

राजदेव कहते हैं, ‘हम चैटजीपीटी और दुनिया में उपलब्ध सूचनाओं के समागम से अधिक विशिष्ट सेवा तैयार करने पर काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए चैटजीपीटी पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है इसलिए हैप्टिक एक संपादकीय तकनीक पर काम कर रही है। यह तकनीक उद्यमों की जरूरत के अनुसार आवश्यक सहायता करेगी।‘

बॉट को उद्मों की जरूरत के हिसाब से अधिक संवेदनशील बनाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। मसलन, ग्राहकों तक ऑर्डर नहीं पहुंचने या ग्राहकों जो उत्पाद चाहते हैं वे उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में बॉट तकनीक की मदद से प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं।

हैप्टिक गपशप और येलो जैसे प्लेटफॉर्म से प्रतिस्पर्धा कर रही है। ये दोनों कंपनियों भी विशिष्ट डोमेन पर काम कर रही हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियां चैटजीपीटी में भारी निवेश कर रही हैं और वे इससे लाभ उठाना चाहेंगी। इसे देखते हुए चैटबैट कारोबार को निश्चित तौर पर इन कंपनियों से प्रतिस्पर्धा मिलेगी।

मगर राजदेव इससे चिंतित नहीं है। वह कहते हैं, ‘हमें इस बात की चिंता नहीं है कि वे हमारे कारोबार को नुकसान पहुंचाएंगे या नहीं। वे पहले से ही बॉट कारोबार में हैं। गूगल के पास डायलॉग फ्लो और माइक्रोसॉफ्ट के पास बॉट बिल्डर है। उनका प्रमुख कारोबार खोज (सर्च) एवं विज्ञापन हैं। हम उद्यम कारोबार में हैं।‘

First Published : March 5, 2023 | 11:43 PM IST