Jaguar Land Rover’s Range Rover: टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड रोवर (JLR) कंपनी एक नया इतिहास रचने जा रही है। 1970 के बाद पहली ऐसा बार होने जा रहा है जब जगुआर लैंड रोवर की फ्लैगशिप कारें- रेंज रोवर (Range Rover) और रेंज रोवर स्पोर्ट्स (Range Rover Sport ) इंगलैंड के बाहर किसी देश में मैन्युफैक्चर होने जा रही है। अभी तक कंपनी इस लग्जरी कारों की मैन्युफैक्चरिंग सिर्फ इंगलैंड के सोलीहुल (Solihull) में किया करती थी।
लैंड रोवर की रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट कार 1970 से ही ब्रिटेन में बन रही हैं मगर अब ये भी ‘मेड इन इंडिया’ होंगी। जगुआर लैंड रोवर (JLR) के सीनियर अधिकारियों ने बताया कि ये दोनों मशहूर वाहन कंप्लीटली नॉक्ड डाउन यानी CKD (वाहन के अलग-अलग हिस्सों की किट बनाकर लाना) रूप में लाकर भारत में बनाए जाएंगे। फिलहाल ये कारें ब्रिटेन से मंगाई जाती हैं। अधिकारियों का कहना है कि मेड इन इंडिया कारों की कीमत 18 से 22 फीसदी कम हो सकती है। बता दें कि CKD के तहत कंपनियां अन्य जगहों से लूज पॉर्ट्स का इंपोर्ट करती हैं और अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में असेंबलिंग और प्रोडक्शन करती हैं।
भारत में स्थानीय रूप से मैन्युफैक्चर्ड रेंज रोवर की डिलीवरी 24 मई से शुरू होगी। पुणे में JLR का प्लांट में पहले से ही रेंज रोवर वेलार (Range Rover Velar), इवोक (Evoque), जगुआर एफ-पेस (Jaguar F-PACE) और डिस्कवरी स्पोर्ट (Discovery Sport) की मैन्युफैक्चरिंग होती है। रेंज रोवर भी यहीं बनाने का फैसला जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में कंपनी की बिक्री में तगड़ी उछाल के बाद लिया गया है। इस तिमाही में कंपनी ने भारत में 4,436 गाड़ियां बेचीं, जो साल भर पहले के मुकाबले 81 फीसदी ज्यादा थीं। 2009 में भारत में लॉन्च होने के बाद से यह भारतीय बाजार में कंपनी के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक था और पांच वर्षों में सबसे ज्यादा था।
JLR India के प्रबंध निदेशक (MD) राजन अंबा (Rajan Amba) ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘रेंज रोवर के इतिहास में पहली बार, फ्लैगशिप रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट की मैन्युफैक्चरिंग अब भारत में की जाएगी। कुछ समय से इसपर काम चल रहा है, और यह इस महीने के अंत से ही रेंज रोवर की डिलीवरी (Range Rover Delivery in India) भी शुरू हो जाएगी। और उसके बाद अगस्त में रेंज रोवर स्पोर्ट की भी इसी साल अगस्त में डिलीवरी (Range Rover Sports Delivery in India) शुरू हो जाएगी। ‘ये पुणे में CKD यूनिट्स होंगी, लेकिन इंगलैंड के बाहर पहली बार बनाई जाएंगी।’
अंबा ने कहा, ‘मेरा फोकस भारत पर है और आगे का रास्ता लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर है। डिफेंडर (Defender) के अलावा, अब हमारा पूरा पोर्टफोलियो यहां (CKD यूनिट्स के रूप में असेंबल्ड) बनाया गया है। इस तरह हम डिलीवरी की टाइमलाइन और ओवरऑल सप्लाई के मामले में बाजार और कस्टमर के करीब हैं।’
JLR ने 2030 तक भारत में 6 नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) लाने की योजना बनाई है। राजन अंबा ने कहा, ‘हम अगले साल रेंज रोवर बीईवी (Range Rover BEV) से शुरुआत करने जा रहे हैं, इसके बाद कंपनी की 2030 तक भारत में 6 नई ईवी लाने की योजना है। हमारे पास पहले से ही एक कार के लिए 400 मांगें हैं जो अगले साल के अंत में ही आ रही है और इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया गया है। रेंज रोवर ब्रांड भारत में हमारी सफलता का एक अहम हिस्सा है। हम अपना विस्तार जारी रखने जा रहे हैं और हम निश्चित रूप से इसका लाभ उठाएंगे क्योंकि हमारे पास टाटा इकोसिस्टम के साथ तालमेल है।’
अंबा ने कहा, ‘इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि हम बाजार के लिए अपनी कीमत सही रखें। (इन कारों की) कीमत में 18-22 फीसदी या उससे भी ज्यादा की कमी आएगी।’
भारत में रेंज रोवर स्पोर्ट की कीमत (Range Rover Sport Price in India) 1.4 करोड़ रुपये होगी, जो अभी 1.8 करोड़ रुपये है। रेंज रोवर (Range Rover Price) के एक वेरिएंट की कीमत 3.2 करोड़ रुपये से घटकर 2.6 करोड़ रुपये और दूसरे वेरिएंट की कीमत 2.8 करोड़ रुपये से घटकर 2.36 करोड़ रुपये हो जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘जब पिछले साल हमारे कारोबार में 81 फीसदी की वृद्धि हुई, उसी समय हमारी ऑर्डर बुक में 61 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।’
JLR India की ऑर्डर बुक में छह से सात महीने की बिक्री है और इसकी कारों के इंतजार का वक्त करीब एक साल में कम हो जाने की उम्मीद है। रेंज रोवर की कारें अभी तक सिर्फ इंगलैंड के सोलिहुल में बन रही हैं, भारत अब ग्लोबल प्रोडक्शन में पूरक का काम करेगा। सोलिहुल रेंज रोवर के आगामी फुली-इलेक्ट्रिक मॉडल के साथ-साथ कंपनी के टॉप ‘SV’ वाहनों को भी तैयार करेगा।
JLR के चीफ कमर्शियल ऑफिसर (CCO) लेनार्ड हूर्निक (Lennard Hoornik) ने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में भारत में तेज और लगातार आर्थिक प्रगति हुई है, जो निकट भविष्य में भी बरकरार रहने वाली है। इसी वजह से भारतीय ग्राहकों के लिए यहीं गाड़ियां बनाने का मौका मिला है। रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट का भारत में ही उत्पादन यहां ब्रांड को मजबूत करने और सबसे पसंदीदा SUV वाहन बनने की दिशा में उठाया गया कदम है।”
JLR India ने रेंज रोवर की लोकल मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए कितने रुपये का निवेश किया है, इसके बारे में अंबा ने कोई कमेंट नहीं किया। हालंकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि JLR की ग्लोबल सोर्सिंग प्लान में ज्यादा भारतीय वेंडर्स नहीं हैं।
जेएलआर इंडिया की भारत में बिलकुल नए सिरे से यानी लूज आइटम्स से लेकर असेंबलिंग वगैरह तक, कार बनाने की कोई योजना नहीं है।
उन रिपोर्टों पर टिप्पणी करते हुए कि JLR जगुआर और लैंड रोवर कार बनाने के लिए दक्षिण भारत में एक प्लांट का निर्माण कर रही है, अंबा ने कहा, ‘टाटा मोटर्स तमिलनाडु में कुछ कर रही है। इसका JLR और इसे लेकर लगाए जा रहे कयासों से कोई लेना-देना नहीं है। कार इंडस्ट्री में किसी के लिए भी निवेश करना बड़ी मात्रा में धन शामिल करना है।
रेंज रोवर के प्रबंध निदेशक गेराल्डिन इंघम (Geraldine Ingham) के अनुसार, भारत में खुदरा बिक्री वित्त वर्ष 24 में 160 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया भर में, हम अपने 53 साल के इतिहास में रेंज रोवर के लिए ग्राहकों की मांग का उच्चतम स्तर देख रहे हैं। यह एक अभूतपूर्व सफलता की कहानी है और भारत इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अकेले वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत में खुदरा बिक्री में 160 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, और स्थानीय स्तर पर रेंज रोवर का निर्माण ब्रांड को देश भर में समझदार ग्राहकों और प्रतिष्ठित हस्तियों के बीच इस बढ़ती मांग का जवाब देने में सक्षम करेगा।’