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भारत में ऑफलाइन ऑडियो उपकरण बाजार 5,000 करोड़ रुपये पर पहुंचा, मगर कॉम्पैक्ट स्टीरियो सिस्टम का दबदबा बरकरार

यह वृद्धि इमर्सिव साउंड प्रौद्योगिकियों में वृद्धि, बेहतर उपभोक्ता अनुभव और घरेलू और व्यक्तिगत श्रेणियों में उच्च गुणवत्ता वाले ऑडियो उत्पादों की बढ़ती मांग से प्रेरित है।

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भाषा   
Last Updated- September 15, 2024 | 3:02 PM IST

भारतीय ऑडियो उपकरण (सुनने वाला या श्रव्य उपकरण) बाजार में ‘उल्लेखनीय वृद्धि’ देखी जा रही है। शोध कंपनी जीएफके ने एक रिपोर्ट में बताया कि जून, 2024 में ऑफलाइन खुदरा बिक्री 5,000 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार (MAT) पर पहुंच गई है। यह व्यक्तिगत ऑडियो खंड में 61 प्रतिशत की सालाना वृद्धि से हासिल हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि इमर्सिव साउंड प्रौद्योगिकियों में वृद्धि, बेहतर उपभोक्ता अनुभव और घरेलू और व्यक्तिगत, दोनों श्रेणियों में उच्च गुणवत्ता वाले ऑडियो उत्पादों की बढ़ती मांग से प्रेरित है।

इसके अलावा, इस श्रेणी में महंगे उपकरणों की ओर बदलाव के कारण उपभोक्ता बेहतर गुणवत्ता और इमर्सिव ऑडियो अनुभव की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे भारतीय ऑडियो उपकरण बाजार को भी मदद मिल रही है।

भारतीय उपभोक्ताओं में ऑडियो उपकरणों के लिए काफी चाह है और वे सिनेमा वाला अनुभव और बेहतर सुनने की सुविधा चाहते हैं। जीएफके अब एनआईक्यू कंपनी है और एक अग्रणी वैश्विक बाजार व उपभोक्ता सूचना कंपनी है।

जीएफके ने कहा, “मनोरंजन के उभरते परिदृश्य के साथ, उपभोक्ता तेजी से प्रीमियम, सिनेमाई ऑडियो अनुभव की तलाश कर रहे हैं, जिससे यह क्षेत्र वृद्धि और राजस्व अवसरों के लिए परिपक्व हो रहा है।” यद्यपि बाजार में अभी भी कॉम्पैक्ट स्टीरियो सिस्टम का प्रभुत्व है, लेकिन होम थिएटर और स्मार्ट ऑडियो ने तेजी से वृद्धि दर्ज की है।

इसमें कहा गया है, “भारत में 3,400 करोड़ रुपये मूल्य के पर्सनल ऑडियो बाजार में जून, 2024 में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हेडफोन, हेडसेट और मिनी/ब्लूटूथ स्पीकर जेन जेड उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक हो गए हैं, जो ऑडियो अनुभवों में मजबूती, सामर्थ्य, स्टाइलिश और गुणवत्ता देख रहे हैं।”

First Published : September 15, 2024 | 3:02 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)