प्रौद्योगिकी कंपनी मेटा (Meta) ने जब सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म थ्रेड्स (Threads) को पेश किया था, तो कुछ ही दिनों में इसके 10 करोड़ यूजर्स हो गए थे। इसके बाद इसे ‘ट्विटर-किलर’ (Twitter-Killer) जैसी उपाधियां दी गई थीं, लेकिन ट्विटर के अन्य प्रतिद्वंद्वियों की तरह थ्रेड्स का प्रभाव भी कम होता दिख रहा है।
नए ऐप पर निगरानी रखने वाली फर्म सेंसर टॉवर ने संकेत दिया है कि इसकी चर्चा बहुत कम हो गई है और थ्रेड्स के एक्टिव यूजर्स में 20 फीसदी की कमी देखी गई है। ऐप पर बिताया गया औसत समय 20 मिनट से 50 फीसदी गिरावट के साथ 10 मिनट तक रह गया है। इसी महीने थ्रेड्स के आने के तुरंत बाद ट्विटर पर ट्रैफिक में लगभग पांच फीसदी गिरावट आई थी।
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ट्विटर के मुकाबले लोकप्रियता हासिल करने और खोने में थ्रेड्स अकेली नहीं है। ईलॉन मस्क के 44 अरब डॉलर से ट्विटर को खरीदने के तुरंत बाद मास्टोडॉन पर लाखों साइनअप हुए। बाद में मास्टोडॉन यूजर्स की रुचि बनाए रखने में विफल रहा है। ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डॉर्सी द्वारा समर्थित ब्लूस्काई को भी कुछ समर्थन मिला, लेकिन वह इसे कायम नहीं रख सका।
ट्विटर ने लाइव ब्रेकिंग न्यूज के इर्द-गिर्द अपनी प्रतिष्ठा बनाई है, जिससे यह राजनीतिक या मनोरंजन कार्यक्रमों के दौरान लाखों लोगों के लिए पसंदीदा मंच बन गया है। इसके विपरीत इंस्टाग्राम और थ्रेड्स के प्रमुख एडम मोसेरी ने कई मौकों पर कहा है कि थ्रेड्स के पास समाचार और राजनीतिक सामग्री को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।
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इसके अलावा, ट्विटर यूजर्स को गुमनाम रूप से काम करने की अनुमति देता है, जो कि इंस्टाग्राम के साथ सीधे एकीकरण के कारण थ्रेड्स पर संभव नहीं है। ऐप इंटेलिजेंस फर्म डाटाडॉटएआई के अनुसार, थ्रेड्स के सबसे अधिक डाउनलोड भारत (33 फीसदी) से हुए, इसके बाद ब्राजील (22 फीसदी) और अमेरिका (16 फीसदी) का स्थान रहा।