बिहार मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीएस) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए आरक्षण मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर कुल 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव मंगलवार को पारित कर दिया।
बिहार विधानमंडल के चालू सत्र के दौरान इस पर सदन में विधेयक लाया जाएगा। मंगलवार को विधानसभा में पेश जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर चर्चा समाप्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में बयान दिया।
प्रस्ताव में ओबीसी और ईबीएस के आरक्षण को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर संयुक्त रूप से 43 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए एक प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण मौजूदा 10 फीसदी ही रहेगा।
नीतीश ने माफी मांगी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक दिन पहले जनसंख्या को नियंत्रित करने में महिला शिक्षा के महत्त्व से जुड़ी अपनी टिप्पणी के लिए बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों के साथ-साथ इसके बाहर भी माफी मांगी। विधानसभा परिसर में नीतीश के पहुंचने पर भाजपा विधायक ने हाथों में तख्तियां लेकर उनके बयानों की निंदा की और उनके इस्तीफे की भी मांग की।
नीतीश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘मुझे आज पता चला है कि मैंने कल जो कुछ कहा था वह कई लोगों को पसंद नहीं आया। मेरा इरादा महिला सशक्तीकरण पर मेरी सरकार के जोर और जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं के बीच साक्षरता में सुधार की भूमिका को उजागर करना था। हालांकि, अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं माफी मांगता हूं और अपने शब्द वापस लेता हूं।’