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मुद्रास्फीति में मौजूदा वृद्धि शॉर्ट टर्म : RBI गवर्नर दास

दस ने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कहा कि मौद्रिक नीति ने कीमत स्थायित्व की दिशा में बड़ी प्रगति की है।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- August 10, 2023 | 10:07 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्र तथा टी रवि शंकर ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के दौरान मीडिया के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

दास की शुरुआती प्रतिक्रिया: भारत दुनिया के नए विकास इंजन के तौर पर उभर रहा है। एक बेहद उतार-चढ़ावपूर्ण और अनिश्चित परिवेश में भारत अपनी मजबूती और उत्कृष्टता की वजह से अलग बना हुआ है। मौद्रिक नीति ने कीमत स्थायित्व की दिशा में बड़ी प्रगति की है। सीपीआई मुद्रास्फीति में ताजा तेजी संक्षिप्त रहने का अनुमान है। ऐसे हालात में, हमें सतर्क बने रहने की जरूरत होगी और बिना सोचे-समझे कोई प्रतिक्रिया देने से बचना होगा।

बैंकों को नेट डिमांड ऐंड टाइम लायबिलिटीज की 10 प्रतिशत वृद्धिशील सीआरआर बनाए रखने का निर्देश दिए जाने के बाद कितना और नकदी आरक्षी अनुपात बनाए रखने की जरूरत होगी?

दास: हमने अपनी आंतरिक गणना कर ली है। यह 1 लाख करोड़ रुपये से कुछ ऊपर होगा। वृद्धिशील सीआरआर नियत समय के लिए लागू है जिसमें सभी शिड्यूल्ड बैंक शामिल होंगे। मैं यह नहीं बता सकता कि कोई विशिष्ट बैंक शामिल है या नहीं। लेकिन यह सभी बैंकों के लिए लागू है।

अधिशेष नकदी के लिए आपका सामान्य दायरा क्या है? जब आप 8 सितंबर को इसमें संशोधन करेंगे तो किस पर खास ध्यान देंगे?

दास: 8 सितंबर का बदलाव उस समय के हालात पर निर्भर करेगा। इसमें जीएसटी भुगतान और सरकारी खर्च समेत कई चीजों पर विचार किया जाएगा। हमें बैंकिंग क्षेत्र से ऋण उठाव पर नजर रखने की जरूरत होगी। मैं अभी से यह नहीं बता सकता कि 8 सितंबर को क्या संशोधन किया जाएगा। तरलता बेहद महत्वपूर्ण आंकड़ा है। तरलता के संदर्भ में हालात कई कारकों पर निर्भर करेंगे, जिसमें मुद्रास्फीति का आंकड़ा भी शामिल है।

आपके लगातार जोर दिए जाने के बावजूद वास्तविक मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य से दूर है। क्या आप इसे लेकर चिंतित हैं?

पात्र: मई में, मुद्रास्फीति दर वास्तव में लक्ष्य के आसपास पहुंच गई थी। 4.3 प्रतिशत एक अनुकूल स्तर है। लेकिन तब खाद्य मुद्रास्फीति से संबंधित झटके लगे जिनकी उम्मीद नहीं थी। हमें उम्मीद है कि ये अस्थायी घटनाक्रम हैं और आपूर्ति में सुधार आने पर इन समस्याओं का हल निकल आएगा। सुधार दिखने लगा है। खाद्य मुद्रास्फीति से संबंधित कुछ चिंताएं थीं और अब हम ये दूर होते हुए देखेंगे।

क्या रूस भारतीय सरकार के बॉन्डों और टी बिलों में निवेश कर रहा है और यह कितना हो सकता है? अब तक कितना निवेश हुआ है और क्या इसका तरलता के संबंध में महत्व है?

शंकर: हम सरकारी प्रतिभूतियों में किसी खास इकाई या सरकार के निवेश के बारे में कुछ नहीं कह सकते। एफपीआई और स्पेशल वोस्ट्रो अकाउंट रूट के जरिये इसकी अनुमति है। किसी ने कितना निवेश किया है, हम इसके बारे में नहीं बता सकते। व्यवस्था में संतुलन बरकरार है।

14-दिन की वीआरआर नीलामी व्यवस्था प्रमुख विकल्प बना हुआ है, लेकिन बाजार इसे लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है। आपकी क्या राय है?

दास: 14-दिन की वीआरआर नीलामी के लिए बेहतर प्रतिक्रिया मिल सकती थी, क्योंकि यह एक मुख्य नीलामी है। यह बरकरार रहेगी। मुख्य प्रक्रिया होने की वजह से 14-दिन की वीआरआर बनी रहेगी। इसे दैनिक आधार पर फिर से लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

First Published : August 10, 2023 | 10:07 PM IST