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कर्ज देने में 2030 तक बैंकों से आगे निकलेंगी FinTech कंपनियां!

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2016 से 2021 के बीच करीब 14,000 स्टार्टअप आईं, जिनमें से आधी फिनटेक सेक्टर की थीं।

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अजिंक्या कवाले   
Last Updated- November 14, 2023 | 10:57 PM IST

भारत का फाइनैंशियल टेक्नोलॉजी (FinTech) उधारी क्षेत्र 2030 तक परंपरागत बैंकों से आगे निकल सकता है। सेंटर फॉर एडवांस्ड फाइनैंशियल रिसर्च ऐंड लेंडिंग (सीएएफआरएएल) की इंडिया फाइनैंस रिपोर्ट 2023 से ये संकेत मिलते हैं।

इस वृद्धि का श्रेय देश के छोटे और मध्यम आय वर्ग की ऋण जरूरतों को पूरा करने की क्षेत्र की क्षमता को जाता है। भारत के फिनटेक उद्योग में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय तेजी आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2016 से 2021 के बीच करीब 14,000 स्टार्टअप आईं, जिनमें से आधी फिनटेक सेक्टर की थीं। फिनटेक उधारी 2030 तक परंपरागत बैंकों की उधारी से आगे निकल जाने का अनुमान है।’

सीएएफआरएएल भारतीय रिजर्व बैंक का स्वतंत्र निकाय है, जिसने यह सर्वे कराया है। इस सेक्टर के विस्तार के साथ डिजिटल फाइनैंशियल सर्विसेज के लिए ग्राहकों की तरजीह और जरूरतें बदल रही हैं। इसमें पहुंच अहम है, जिसकी वजह से वह परंपरागत बैंक उधारी से आगे निकल रही हैं।

फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर इंपावरमेंट (फेस) में मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) सुगंध सक्सेना का कहना है, ‘खासकर छोटे व मझोले सेग्मेंट में कर्ज की अहम और विविधीकृत जरूरतों को फिनटेक उधारी से निरंतरता के साथ पूरा किया जा सकता है।’

डिजिटल उधारी कंपनी फाइब के सह संस्थापक और सीईओ अक्षय मेहरोत्रा ने कहा, ‘फिनटेक व बैंक में गठजोड़ होने से ग्राहक, प्रबंधक और आपूर्तिकर्ता के संबंधों पर संयुक्त असर पड़ेगा।’

First Published : November 14, 2023 | 10:55 PM IST