गिफ्ट इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) में स्थापित और बाजार नियामक सेबी के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट (ODI) जारी करने की अनुमति दी गई है।
इन ओडीआई को पार्टिसिपेटरी नोट्स (P-Notes) के नाम से जाना जाता है। इस समय गिफ्ट सिटी के लिए एकीकृत नियामक इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर अथॉरिटी (IFSC) ने बैंकिंग इकाइयों को पी-नोट्स जारी करने की अनुमति दे रखी है।
आईएफएससीए ने एक सर्कुलर में कहा है, ‘पहले चरण में आईएफएससीए ने सेबी के साथ पंजीकृत आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों को भारतीय प्रतिभूतियों से जुड़े डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट जारी करने की अनुमति दी थी। दूसरे चरण में अब उसने आईएफएससीए के साथ पंजीकृत गैर-बैंकिंग, एफपीआई के तौर पर सेबी के साथ पंजीकृत इकाइयों को भारतीय प्रतिभूतियों से जुड़े ओडीआई जारी करने की अनुमति दी है।’
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि गिफ्ट सिटी से पी-नोट्स जारी करने की अनुमति देने से एक बार उनका आकर्षण बढ़ सकता है, बशर्ते कराधान के नियमों को भी आसान बनाया जाए।
नांगिया एंडरसन में पार्टनर सुनील गिडवानी ने कहा, ‘भारतीय शेयर बाजारों की प्रतिभूतियों में निवेश करने वाली ऑफशोर बैंकिंग इकाइयों के अलावा सूचीबद्ध बाजारों में निवेश करने वाली अन्य इकाइयां मुख्य तौर पर आईएफएससी में एफपीआई के तौर पर पंजीकृत फंड हैं।
आईएफएससीए ने अब ऐसी सभी आईएफएससी इकाइयों द्वारा अनिवासी निवेशकों के लिए ओडीआई जारी करने की अनुमति दे दी है। अब भारतीय कराधान से निवेशकों को छूट के लिए कर कानूनों में संबंधित बदलाव की आवश्यकता होगी।
पिछले साल जब बैंकिंग इकाइयों को ओडीआई जारी करने की अनुमति दी गई थी तो एफपीआई द्वारा कुल निवेश के प्रतिशत के तौर पर संपूर्ण ओडीआई निर्गमों में तेजी आई। आईएफएससी के अन्य सभी निवेशकों को ओडीआई जारी करने की अनुमति मिलने से ओडीआई जारी करने को और बढ़ावा मिलेगा।’
उन्होंने अनिवासी निवेशकों द्वारा ओडीआई के स्थानांतरण के साथ साथ ओडीआई जारीकर्ताओं द्वारा किसी तरह के वितरण पर पूंजीगत लाभ की छूट की भी मांग की। इस समय गिफ्ट आईएफएससी में करीब 46 एफपीआई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ अपेक्षाकृत बड़ी कंपनियां पी-नोट्स जारी करना शुरू कर देंगी।
सुपरएनएवी में मुख्य विकास अधिकारी नेहा मालवीय कुलकर्णी ने कहा, ‘इससे आईएफएससी में मौजूद गैर-बैंकिंग एफपीआई के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को ओडीआई की पेशकश करने का बड़ा अवसर पैदा हुआ है। ओडीआई निवेशकों को गोपनीयता का बड़ा लाभ प्रदान करता है, जो कई लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।’
विशेषज्ञों का कहना है कि नोट जारी करना केवल एफपीआई तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) भी इन्हें जारी कर सकेंगे। सिरिल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर लीना चाको ने कहा, ‘एफपीआई पंजीकरण वाले एआईएफ भी ओडीआई जारी कर सकते हैं। ओडीआई का निर्गम एफपीआई को उनका जोखिम कम करने और ऐसे ओडीआई धारकों को भारतीय इक्विटी एवं योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा।’