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दिल्ली घोषणा की बनाए रखें गति

भारत की जी20 की अध्यक्षता के बारे में जारी दस्तावेज में कहा गया है कि भारत की जी20 की अध्यक्षता में एक स्पष्ट, महत्त्वाकांक्षी और व्यावहारिक एजेंडा पेश किया गया।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- December 21, 2023 | 11:32 PM IST

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा लिखे गए निबंधों के संग्रह ‘री-एग्जामिनिंग नैरेटिव्स’ में कहा गया है कि जी20 नेताओं की नई दिल्ली घोषणा (एनडीएलडी) के नीति मार्गदर्शन पर गति बनाए रखी जानी चाहिए, क्योंकि इसमें कई साल के मुद्दों को शामिल किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि घोषणा को एकमत से स्वीकार किया गया है और यह जी20 के साथ वैश्विक बहुपक्षीयता के हिसाब से उल्लेखनीय है।

भारत की जी20 की अध्यक्षता के बारे में गुरुवार को जारी दस्तावेज में कहा गया है कि भारत की जी20 की अध्यक्षता में एक स्पष्ट, महत्त्वाकांक्षी और व्यावहारिक एजेंडा पेश किया गया। इसमें समावेशिता सुनिश्चित की गई और संस्थागत गतिरोध को तोड़ने की दिशा में प्रयास किया गया और इसमें भू-राजनीतिक मतभेदों के बावजूद सदस्य देशों से सहयोग प्राप्त हुआ।

इसमें यह भी कहा गया है कि भारत की अध्यक्षता के दौरान वैश्विक टकरावों के बावजूद बहुपक्षीयता की रक्षा करने का ध्येय लेकर सरकारों ने सहयोग का रवैया अपनाया, जिससे वैश्विक समस्याओं का समय से और प्रभावी समाधान हो सके। इसमें कहा गया है, ‘एनडीएलडी में भू-राजनीतिक भाषा पर आम राय इस दिशा में उल्लेखनीय महत्त्व का है।’

बहरहाल एक बड़ी चुनौती मसलों को पहचानना और उस पर सभी जी20 सदस्यों के बीच आम राय कायमकरना था। यह बढ़ते मतभेद और बहु ध्रुवीय विश्व में अनोखी चुनौती थी।

भारत की अध्यक्षता में जी20 के परिणाम पर लिखे लेख में कहा गया है कि बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) के एजेंडे को उल्लेखनीय गति मिली है, जिसमें एमडीबी के भीतर सुधार से जुड़ी कवायदें शामिल हैं।

दस्तावेज में कहा गया है कि एमडीबी को मजबूत करने से ग्लोबल साउथ के देशों में ज्यादा बहुपक्षीय सहयोग पहुंचाया जा सकता है और इसमें गति के साथ प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा सकता है। इससे एमडीबी का फायदा पाने वाले ये देश एमडीबी की वित्तीय सहायता तक तेजी से पहुंच सकेंगे।

प्रमुख उपलब्धियों पर जोर देते हुए दस्तावेज में कहा गया है कि भारत की जी20 की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर समन्वित नीति और नियामक ढांचा बनाने की दिशा में जमीनी काम किया गया है। इसमें कहा गया है कि इसके पहले जी20 की चर्चा में क्रिप्टो संपत्तियों से जुड़े जोखिम पर चर्चा हुई और यह वित्तीय स्थिरता व अखंडता से जुड़े मसलों पर ही केंद्रित थी।

भारत ने 1 दिसंबर 2023 को जी20 की अध्यक्षता ब्राजील को सौंप दी है। ब्राजील की अध्यक्षता में संकेत मिला है कि उनका ध्यान सामाजिक समावेशन, भूख के खिलाफ जंग, ऊर्जा में बदलाव, सतत विकास और वैश्विक प्रशासन से जुड़ी संस्थाओं में सुधार पर होगा।

First Published : December 21, 2023 | 11:17 PM IST