कैलेंडर वर्ष 2024 की मार्च तिमाही में 25.6 अरब डॉलर के घोषित मूल्य वाले 455 सौदों के साथ विलय और अधिग्रहण के लेनदेन ने रफ्तार पकड़ी है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कैलेंडर वर्ष 23 की चौथी तिमाही की तुलना में सौदों की मात्रा में यह 24 प्रतिशत का इजाफा है। पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट ‘डील्स एट ए ग्लांस’ के अनुसार इससे कैलेंडर वर्ष 2023 में देखे गए गिरावट के रुझानों में बदलाव का संकेत मिलता है।
मूल्य के लिहाज से मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र इस तालिका में सबसे ऊपर है जबकि खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्र सौदों की मात्रा के लिहाज से लगातार आगे है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के साझेदार और लीडर (डील्स) दिनेश अरोड़ा ने कहा कि अवसरों से भरपूर परिदृश्य के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती की किरण बनकर उभरी है। साल 2024 की पहली तिमाही में बाजार की रफ्तार और बड़े सौदों के कारण पिछली छह तिमाहियों में सबसे अच्छे आंकड़े दिखते हैं जो रणनीतिक विस्तार और बाजार के दबदबे के मामले में भरोसेमंद मांग का संकेत देती है।’
विलय और अधिग्रहण के औसत आकार में बदलाव नहीं हुआ है जबकि पीई निवेश के मामले में इसमें 39 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इससे संकेत मिलता है कि सौदों की संख्या में इजाफा तो हुआ है लेकिन इनमें से अधिकांश सौदों का औसत आकार छोटा था।
घोषित मूल्यों वाले अधिकांश सौदे निचले और मध्य बाजार श्रेणी के हैं, जिनमें कुल सौदों का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पांच करोड़ डॉलर से कम है। इस तिमाही का सबसे बड़ा सौदा मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र का रहा जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वायकॉम18 और स्टार इंडिया के कारोबारों को मिलाकर संयुक्त उद्यम बनाने के लिए वॉल्ट डिज्नी कॉर्पोरेशन के साथ समझौता किया।