लोकसभा में कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) गुरुवार को ध्वनिमत से खारिज हो गया। अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब सवा दो घंटे तक जवाब दिया, जिसके बाद निचले सदन ने ध्वनिमत से यह प्रस्ताव खारिज कर दिया।
मोदी के जवाब के दौरान ही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया और किसी भी सदस्य ने अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन की मांग नहीं की। इसीलिए प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को कांग्रेस के गौरव गोगोई ने चर्चा शुरू की थी।
दूसरे शासनकाल में लाया गया यह पहला अविश्वास प्रस्ताव
पिछले तीन दिनों में कांग्रेस के राहुल गांधी और अधीर रंजन चौधरी सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं ने इस चर्चा में भाग लिया। चर्चा में सत्ता पक्ष की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी भाग लिया। मोदी सरकार के दूसरे शासनकाल में लाया गया यह पहला अविश्वास प्रस्ताव था। पिछले कार्यकाल के दौरान 2018 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जो निचले सदन में खारिज हो गया था।
मोदी ने मणिपुर में शांति बहाली के लिए सभी से मिलकर काम करने और वहां के लोगों के लिए ‘दर्द की दवा’ बनने का आग्रह किया। लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे लिए पूर्वोत्तर भले ही दूर लगता है लेकिन जिस प्रकार से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का विकास हो रहा है, आसियान देशों का विकास हो रहा है, वह दिन दूर नहीं जब पूर्वोत्तर वैश्विक दृष्टि से केद्र बिंदु बनने वाला है।’
मणिपुर में जो हुआ वह दु:खद: मोदी
उन्होंने कहा कि मणिपुर में पहले भी गंभीर समस्याएं सामने आई हैं, लेकिन मिलकर रास्ते निकाले गये हैं। उन्होंने कहा कि वहां जो हुआ वह दु:खद है मगर वहां जो हुआ, उस दर्द को समझ कर दर्द की दवाई बनकर काम करें। यही हमारा रास्ता होना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि निकट भविष्य में इस प्रदेश में शांति का सूरज उगेगा और वह नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा।’
कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए मोदी ने मणिपुर समेत विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में वर्षों से व्याप्त समस्याओं के लिए कांग्रेस और उसके शासन वाली पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पूर्वोत्तर में समस्याओं की एकमात्र जननी कांग्रेस है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में आज जो सरकार है वह वहां की समस्याएं खत्म करने के लिए काम कर रही है।
इस बीच लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री पर कुछ टिप्पणी कीं, जिसके बाद उनके अभद्र आचरण के कारण उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया। चौधरी के खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी।