रक्षा क्षेत्र के शेयरों (Defense Stocks) में शानदार तेजी ऑर्डर में तेजी और कम लाभ के संभावित जोखिम को झुठला रहे हैं। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के नोट में ये बातें कही गई है।
नोट में कहा गया है कि भारतीय रक्षा क्षेत्र दोबारा रेटिंग से रूबरू हुआ है और पिछले 3 से 6 महीने में इस उम्मीद में भारी भरकम रिटर्न दिया है कि सरकार की तरफ से बड़ी रकम खर्च की जाएगी और स्वदेशीकरण में स्थिरता के साथ इजाफा होगा।
कंपनियों को मिले बड़े सौदों ने निवेशकों का सेंटिमेंट हालांकि मजबूत बनाया है, वहीं ज्यादातर शेयर उन सकारात्मक वजहों पर ध्यान दे रहे हैं और संभावित जोखिम को लेकर वे बेखबर हैं। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के नोट में ये चेतावनी दी गई है।
नोट में कहा गया है, हमारा विश्लेषण अहम रक्षा शेयरों के मौजूदा बाजार पूंजीकरण पर आधारित है, जो बताता है कि इन कंपनियों को अपने शेयर की मौजूदा कीमत को उपयुक्त ठहराने के लिए सालाना करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये के रक्षा ऑर्डर का क्रियान्वयन करना होगा। संदर्भ के लिए इन कंपनियों का संयुक्त राजस्व वित्त वर्ष 2023 में 62,500 करोड़ रुपये रहा है।
नोट में कहा गया है, वित्त वर्ष 2026 तक देसी खरीद में 1.6 लाख करोड़ रुपये का अवसर होगा, जिसकी वजह रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में वृद्धि और स्वदेशीकरण के कारण आयात का घटना है।
नोट के मुताबिक, रक्षा क्षेत्र के शेयरों को पहले के मुकाबले भारत के देसी रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा पाना होगा। इस पर भी ध्यान देना होगा कि इस क्षेत्र में ज्यादा निजी कंपनियां प्रवेश कर रही हैं।
नोट में कहा गया है, रक्षा कंपनियों के भविष्य के लाभ को लेकर अनिश्चितताएं हैं, उनका मौजूदा लाभ ज्यादा दिख रहा है और ज्यादा निजी कंपनियों के प्रवेश से यह उद्योग ज्यादा प्रतिस्पर्धी बन सकता है। इसके अतिरिक्त सरकार खरीद की शर्तें सख्त बना सकती हैं क्योंकि देसी उत्पादन क्षमता समय के साथ बढ़ेगी।