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न्यायालय के फैसले के बाद चढ़ा Finolex Cables का शेयर

सर्वोच्च न्यायालय ने ऑर्बिट इलेक्ट्रिकल्स को फिनोलेक्स केबल्स की एजीएम में मतदान की अनुमति दी

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- September 28, 2023 | 11:27 PM IST

फिनोलेक्स केबल्स का शेयर गुरुवार को 6 फीसदी से ज्यादा उछल गया जब सर्वोच्च न्यायालय ने प्रकाश छाबडि़या की अगुआई वाली ऑर्बिट इलेक्ट्रिकल्स को शुक्रवार को फिनोलेक्स केबल्स की होने वाली सालाना आम बैठक में मतदान की इजाजत दे दी।

कंपनी का शेयर एनएसई पर 7.31 फीसदी चढ़कर 1,202 रुपये पर बंद हुआ। विशेषज्ञों ने कहा कि ट्रेडर इस उम्मीद में इस शेयर की खरीदारी कर रहे हैं कि कंपनी पर नियंत्रण करने वालों में बदलाव होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि प्रस्ताव संख्या 4 (दीपक छाबडि़या को कार्यकारी चेयरपर्सन नियुक्त किए जाने से संबंधित) पर किसी तरह का कदम एनसीएलएटी में लंबित अपील से मिले नतीजे पर निर्भर करेगा।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अहम हो गया है क्योंकि दोनों भाइयों प्रकाश व दीपक के बीच विवाद है और दोनों एक दूसरे पर फिनोलेक्स केबल्स का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का आरोप लगा रहे हैं। प्रकाश की अगुआई वाली ऑर्बिट इलेक्ट्रिकल्स 30.75 फीसदी हिस्सेदारी के साथ फिनोलेक्स केबल्स की सबसे बड़ी शेयरधारक है।

एक विश्लेषक ने कहा, अगर ऑर्बिट को मतदान की इजाजत मिलती है तो दीपक छाबडि़या को कंपनी के चेयरमैन पद से बाहर होना पड़ सकता है क्योंकि उसकी शेयरधारिता कम है। हमें देखना होगा कि इस मामले में अदालत का फैसला क्या रहता है।

इनगवर्न की रिपोर्ट के मुताबिक, पारिवारिक व्यवस्थाएं फिनोलेक्स केबल्स से दीपक को और फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज से प्रकाश को बाहर निकालने की खातिर मतदान के अधिकार के इस्तेमाल को रोकती है। पिछले हफ्ते एक नोट में प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म ने कहा था कि प्रस्ताव संख्या चार पर मतदान टाला जाना चाहिए क्योंकि शेयरधारकों को पर्याप्त समय से पहले अग्रिम नोटिस नहीं दिया गया।

ये प्रस्ताव पांच साल के लिए दीपक छाबडि़या को कार्यकारी चेयरमैन के दौर पर दोबारा नियुक्त करने (प्रस्ताव संख्या-4) और गैर-कार्यकारी निदेशकों को कमीशन के भुगतान (प्रस्ताव संख्या-6) से संबंधित हैं। फिनोलेक्स केबल्स ने एजीएम से 25 दिन पहले 4 सितंबर को अपने शेयरधारकों को मूल नोटिस जारी किया था। हालांकि एजीएम के नोटिस को लेकर उसने भूल सुधार 16 सितंबर को जारी किया था।

इनगवर्न ने एक नोट में कहा, प्रस्ताव संख्या 4 में अहम सुधार की खातिर 13 दिन की अल्पावधि वाले नोटिस को देखते हुए कई शेयरधारकों को पास इसका अध्ययन करने का समय नहीं मिला होगा। कानून के तहत संशोधित नोटिस के लिए मूल तारीख से 21 दिन की अनिवार्यता है।

First Published : September 28, 2023 | 11:27 PM IST