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10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की बिक्री का लक्ष्य नहीं है आसान: उद्योग

इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों पर संभावित ग्राहकों द्वारा पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा रहा है और वे फिलहाल इंतजार करो और देखो की नीति अपना रहे हैं।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- November 27, 2023 | 11:22 PM IST

उद्योग का मानना है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का पंजीकरण वित्त वर्ष 2024 तक 10 लाख के आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है। त्योहारी सीजन में बिक्री अनुमान से कमजोर रही है। वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में पंजीकरण सिर्फ 5 लाख तक पहुंच पाया।

एक प्रख्यात दोपहिया कंपनी के संस्थापक ने कहा, ‘हम 10 लाख तक का आंकड़ा पाने के लिए अक्टूबर और नवंबर के त्योहारी सीजन में हर महीने कम से कम 100,000 तक पहुंचना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। हमारा मानना है कि आगामी महीने सुस्त रहेंगे, इसलिए हमें 100,000 प्रति महीने की रफ्तार पकड़ने के लिए वित्त वर्ष 2025 में मई-जून तक इंतजार करना होगा।’

उन्होंने कहा कि समस्या यह भी दिख रही है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों पर संभावित ग्राहकों द्वारा पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा रहा है और वे फिलहाल इंतजार करो और देखो की नीति अपना रहे हैं। इन कंपनियों को 10 लाख का लक्ष्य हासिल करने के लिए अगले 100 दिनों तक हर दिन संयुक्त रूप से 5,000 वाहन बनाने होंगे। मौजूदा समय में, वे औसतन 2,200 वाहन प्रतिदिन बना रही हैं। वर्ष के शेष महीनों में इसमें बड़ी तेजी आने के आसार नहीं दिख रहे हैं।

भारी उद्योग मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से फेम-2 के तहत सब्सिडी की जरूरत पूरी करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की मांग की थी। माना जा रहा है कि यह मांग मान ली गई। इस राशि का ज्यादातर हिस्सा इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों को वितरित किया गया था, लेकिन यह पूंजी उद्योग के 10-12 लाख बिक्री अनुमान पर केंद्रित थी, जो पूरी तरह संभव नहीं दिख रहा है।

‘वाहन’ के आंकड़े से पता चलता है कि अक्टूबर में पंजीकरण बढ़कर 72,683 वाहन पर पहुंच गया, जो सितंबर के मुकाबले 18 प्रतिशत की वृद्धि है। नवंबर समाप्त होने में कुछ ही दिन बचे हैं और यह आंकड़ा 54,454 पर है। कंपनियों का अनुमान है कि मौजूदा रुझान के हिसाब से इस महीने के लिए वाहन पंजीकरण अक्टूबर के समान रहेगा। दिसंबर में इसमें नरमी दर्ज किए जाने का अनुमान है।

वित्त वर्ष 2024 में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के पीछे कंपनियां कई कारणों को जिम्मेदार मान रही हैं। पहला, सब्सिडी में अचानक भारी वृद्धि से कीमतें 5-10 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। दूसरा, कंपनियां पर्याप्त संख्या में नए मॉडल पेश करने में सक्षम नहीं रही हैं और इससे भी नए वाहन पंजीकरण की राह धीमी पड़ी है।

उदाहरण के लिए, सिर्फ एथर ही अब अपनी उत्पाद पेशकशों में तेजी ला रही है। कंपनी दो महीनों में एक फैमिली स्कूटर और अपने 450 मॉडल के प्रीमियम वैरिएंट को शामिल करेगी।

तीसरा, नियामकीय चुनौतियों ने भी संभावित खरीदारों को दूर बनाए रखा है। अन्य कारण यह भी है कि कंपनियां अपनी आगामी रणनीतियों और निवेश योजनाओं को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिख रही हैं, क्योंकि वे इसे लेकर अनिश्चित हैं कि सब्सिडी दी जाएगी या नहीं।

First Published : November 27, 2023 | 10:05 PM IST