देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है। इसके साथ ही मेवों की मांग भी बढ़ने लगी है। दीवाली ऐसा त्योहार है, जब मेवों की खपत सबसे ज्यादा होती है।
पिछले कुछ साल में कोरोना के कारण मेवों का कारोबार ठंडा ही रहा मगर पिछले साल से कुछ इसमें कुछ सुधार देखने को मिल रहा है। कारोबारियों को इस साल मेवों का कारोबार बढ़ने की उम्मीद है।
कारोबारियों को लगता है कि कंपनियों मे अपने कर्मचारियों को तोहफे में मेवे देने का चलन लगातार बढ़ रहा है, जिसकी वजह से इस साल मेवों की मांग अच्छी रह सकती है। इस साल मेवों की मांग बढ़ने की उम्मीद में इनका आयात भी खूब हुआ है और इनके दाम भी पिछले साल के बराबर ही हैं।
मेवा कारोबारी और नट्स ऐंड ड्राई फ्रूट काउंसिल के संस्थापक सदस्य रवींद्र मेहता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि कोरोना महामारी के कारण पिछले कुछ साल मेवा कारोबार के लिए अच्छे नहीं रहे। मगर दुनिया में कई जगह युद्ध और संघर्ष चलने के बाद भी इस साल भारत के हालात अन्य देशों से बेहतर हैं। कोरोना का असर खत्म होने के बाद लोगों की माली हालत भी अच्छी हो गई है। ऐसे में लोग त्योहारों पर खूब खर्च कर सकते हैं।
मेहता ने कहा कि कंपनियां भी इस साल अपने कर्मचारियों को त्योहारों पर तोहफे देने के लिए खुलकर खर्च कर सकती हैं। ऐसे में त्योहारों पर मेवों की मांग बढ़ सकती है। इसके अलावा मिठाई निर्माता भी पिछले साल के मुकाबले अधिक मेवा के ऑर्डर दे रहे हैं।
देश में मेवों का सालाना कारोबार 60 से 70 हजार करोड़ रुपये का है। इसमें 30 से 35 फीसदी कारोबार दीवाली के त्योहार पर होता है। इस साल कारोबार 8 से 10 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है। इस त्योहारी सीजन में मेवों का कारोबार 20 से 25 हजार करोड़ रुपये होने की संभावना है।
दिल्ली में खारी बावली देश में मेवों का अहम बाजार है। वहां मेवा कारोबारी दलजीत सिंह कहते हैं कि नवरात्रों के साथ ही मेवों की मांग बढ़ने लगी है। अभी कारोबारियों से थोक ऑर्डर मिल रहे हैं, जो पिछले साल से अधिक है। आगे बाजार में खुदरा ग्राहक भी आने लगेंगे। दीवाली से 15 दिन पहले गिफ्ट के रूप में मेवों के पैकेट की मांग भी आने लगेगी। इस साल उम्मीद है कि मेवों की बिक्री में 10 से 15 फीसदी इजाफा होगा।
मेवा कारोबारी ऋषि मंगला ने बताया कि इस साल मेवों के दाम भी पिछले साल के बराबर ही हैं। इससे भी बिक्री बढ़ने में मदद मिल सकती है। खुदरा बाजार में बादाम 600 से 800 रुपये, काजू 700 से 1,200 रुपये, किशमिश 200 से 450 रुपये, अखरोट 800 से 1,500 रुपये और पिस्ता 900 से 1,800 रुपये किलो बिक रहा है।
कोरोना के बाद गिफ्ट में मेवा देने का चलन बढ़ रहा है। खारी खावली के एक मेवा कारोबारी ने बताया कि पिछले साल उन्होंने करीब 8 लाख रुपये के मेवों के गिफ्ट पैक बेचे थे। इस साल 10 लाख रुपये की बिक्री होने की उम्मीद है।
मेवों का बढ़ा आयात
बिक्री बढ़ने की उम्मीद में इस साल विदेश से मेवे जमकर मंगाए गए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से जुलाई के बीच करीब 1.35 लाख टन बादाम का आयात हुआ है, जो पिछले साल जनवरी से जुलाई के मुकाबले 5 फीसदी अधिक है।
इस दौरान किशमिश का आयात 14 फीसदी बढ़कर 15,822 टन, अंजीर का आयात 83 फीसदी बढ़कर 4,394 टन रहा। अखरोट का आयात दोगुना होकर 23,376 टन तक पहुंच गया। मगर इस साल काजू के आयात में 15 फीसदी गिरावट आई है। जुलाई तक करीब 7.27 लाख टन काजू का आयात हुआ है।
मेहता कहते हैं कि बीते सालों में मेवों का कारोबार सुस्त रहने के कारण इनकी उपलब्धता देश में भरपूर है। ऐसे में जिन मेवों का आयात कम हुआ, वे भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। दलजीत भी मानते हैं कि देश में मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त मेवे उपलब्ध हैं।