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Western Union को अदालत में घसीटेगी वाइजमैन

वाइजमैन का आरोप है कि अमेरिका की मनी ट्रांसफर कंपनी वेस्टर्न यूनियन होल्डिंग्स ने उसके ट्रेडमार्क व लोगो की नकल की है।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- May 12, 2024 | 9:35 PM IST

मुंबई की वाइजमैन (Wiseman) अमेरिका की मनी ट्रांसफर दिग्गज अपनी पूर्व साझेदार वेस्टर्न यूनियन होल्डिंग्स (Western Union) को अदालत में घसीटेगी। वाइजमैन का आरोप है कि अमेरिकी कंपनी ने उसके ट्रेडमार्क व लोगो की नकल की है।

उसके वकील का कहना है कि यह उसके बौद्धिक संपदा अधिकार का अतिक्रमण का मामला है। वह भारतीय कानून के तहत कानूनी प्रक्रिया शुरू करने और क्षतिपूर्ति मांगने की योजना बना रही है।

वाइजमैन के वकीलों के मुताबिक, कंपनी ने प्रामाणिक तौर पर ब्रांड डब्ल्यू अपनाया है, जो उसके कॉरपोरेट नाम का प्रथम अक्षर है और यह 1985 से है। उसके विभिन्न वैरिएशन को भी पंजीकृत कराया गया है।कंपनी ने ट्रेडमार्क व अर्जित गुडविल के तहत ब्रांड का इस्तेमाल अपने उत्पादों व सेवाओं के प्रमोशन, विपणन व विज्ञापन के लिए किया है, खास तौर से वित्तीय क्षेत्र में।

हालांकि वकीलों ने कहा कि उसके क्लाइंट को हाल में पता चला कि वेस्टर्न यूनियन होल्डिंग्स ने दिल्ली रजिस्ट्री में ऐसे ही मार्क के लिए आवेदन किया है और इसका इस्तेमाल विज्ञापन व सोशल मीडिया पेजों में किया गया है।

अदालत में वाइजमैन चाहेगी कि वेस्टर्न यूनियन उसके ट्रेडमार्क का इस्तेमाल फिजिकल व ऑनलाइन बंद कर दे और रदिल्ली रजिस्ट्री से आवेदन वापस ले। साथ ही ऐसे मार्क के इस्तेमाल वाले मर्केंडाइज या आर्टिकल को समाप्त करे और अपनी वेबसाइट, ऐप व ईमेल आदि से इस मार्क को हटा ले।

इसकी पुष्टि करते हुए वाइजमैन समूह के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी कंपनी अपने ट्रेडमार्क अधिकार को संरक्षित करने को प्रतिबद्ध है। हमने जरूरी सूचनाएं इकट्ठी कर ली है और कानूनी प्रक्रिया शुरू करेंगे। इस समूह की दिलचस्पी टेक्सटाइल प्रोसेसिंग, फिनटेक और अक्षय ऊर्जा में है। प्रस्तावित कानूनी प्रक्रिया पर प्रतिक्रिया जताते हुए

वेस्टर्न यूनियन के प्रवक्ता ने कहा, इस समय प्रतिक्रिया जताने के लिए हमारे पास कुछ भी नहीं है। इससे पहले कंपनी ने लीगल कंसल्टेंसी फर्म आर्थर ऐंड ऐंजल के जरिये पिछले साल 13 दिसंब को कानूनी नोटिस भेजा था और वेस्टर्न यूनियन को ट्रेडमार्क का इस्तेमाल बंद करने को कहा था, साथ ही सेटलमेंट की खातिर 15 दिन के भीतर इस पत्र का जवाब देने या कानूनी कदम के लिए तैयार रहने को कहा था।

First Published : May 12, 2024 | 9:35 PM IST