लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, संपादकीय

महंगा सफर: बढ़ता खर्च, कमजोर पब्लिक ट्रांसपोर्ट

नवीनतम घरेलू खपत व्यय सर्वेक्षण के ताजा आंकड़ों में एक चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि खाद्य वस्तुओं के अलावा होने वाले औसत मासिक व्यय में सबसे अधिक हिस्सेदारी परिवहन की है। राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में एक परिवार का औसत मासिक प्रति व्यक्ति खपत व्यय (एमपीसीई) 7.6 फीसदी और शहरों में […]

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Editorial: प्रभावी कर व्यवस्था

भारत जैसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था वाले देश में राज्य को स्थितियों के अनुरूप तेजी से ढलना चाहिए और आर्थिक कारकों को आर्थिक गतिविधियों पर ही केंद्रित रहने देना चाहिए। कराधान ऐसा ही एक क्षेत्र है जहां आम व्यक्ति और कारोबार का संपर्क राज्य से होता है। बजट की लगातार बढ़ती मांग के कारण […]

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Editorial: AI के साथ विकास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में आयोजित वैश्विक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) एक्शन समिट में जो बातें कहीं उनसे संकेत मिलता है कि देश के नीति निर्माता एआई पर सही दिशा में विचार कर रहे हैं। उन्होंने रोजगार को नुकसान पहुंचने के खतरे को सबसे बड़ी चिंता बताया। साथ ही उन्होंने साइबर सुरक्षा, गलत सूचनाओं के […]

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ट्रंप की अस्थिर नीतियां: भारत के लिए अवसर या चुनौती?

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के आर्थिक और राजनीतिक विचार दुनिया को अस्थिर कर रहे हैं। विश्व अर्थव्यवस्था और राजनीतिक व्यवस्था में अमेरिका के महत्त्व को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चार साल में दुनिया कैसी नजर आएगी। यह भी संभव है कि ट्रंप के विचार उनके कार्यकाल के बाद भी […]

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Editorial: नवीकरणीय ऊर्जा पर असमंजस

भारत पेरिस समझौते के अंतर्गत आने वाली जलवायु कार्य योजनाओं का तीसरा दौर पेश करने या अपने लक्ष्यों में सुधार करने की 10 फरवरी की समय-सीमा चूक सकता है और इसकी एक वजह नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने से संबंधित अनिश्चितता हो सकती है। जैसा कि सोमवार को इस समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ, सरकार नामित […]

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Editorial: दरों में कटौती के बाद

भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वित्त वर्ष की अपनी आखिरी बैठक और नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुआई में हुई पहली बैठक में सर्वसम्मति से नीतिगत रीपो दर 25 आधार अंक घटाने का फैसला लिया। बाजार भागीदार पहले ही इस कटौती का अनुमान लगा रहे थे। पिछले शुक्रवार […]

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Editorial: चुनाव प्रचार निषेध की अवधि पर सवाल

भारतीय चुनाव आयोग ने चुनाव से पहले प्रचार अभियान की अवधि तय कर दी है। जनप्रतिनिधित्व कानून के अंतर्गत आयोग की देखरेख में होने वाले सभी चुनावों पर यह अवधि लागू होती है। इस प्रावधान के अंतर्गत उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी होने के बाद दो हफ्ते तक चुनाव प्रचार हो सकता है मगर मतदान […]

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Editorial:अवैध पलायन पर नजर रखे सरकार

अमेरिका का एक सैन्य विमान वहां अवैध रूप से रहने वाले 100 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को लेकर बुधवार को अमृतसर पहुंचा। इससे अवैध आव्रजन पर अमेरिका का रुख एकदम स्पष्ट हो गया। खबर हैं कि इनमें से कई लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ी थीं। अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों […]

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Editorial: मौद्रिक नीति: संयम बरतने का समय

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक शुरू हो गई है, जो इस वित्त वर्ष में इसकी आखिरी बैठक है। संजय मल्होत्रा के आरबीआई गवर्नर बनने के बाद समिति की यह पहली बैठक होगी। शुक्रवार को इस बैठक के नतीजे सामने आ जाएंगे, जिन पर सबकी नजरें टिकी हैं क्योंकि बजट […]

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Editorial: ऋण प्रबंधन के लिए हो टिकाऊ प्रयास

वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकारी खजाने की सेहत सुधारने के लिए विश्वसनीय नीति पेश की गई है, जो इस बजट की खास बात है। बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत तक रहेगा यानी यह 4.9 प्रतिशत के बजट अनुमान से कम रहने वाला […]