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कर संग्रह में सुधार के मद्देनजर सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने बाजार से कर्ज जुटाने के अनुमान को घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। सरकार को अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिनांकित प्रतिभूतियां जारी करके कर्ज लेना पड़ता है।
सकल बाजार उधारी को अब संशोधित कर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो इस वर्ष फरवरी में पेश अंतरिम बजट में 14.13 लाख करोड़ रुपये था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से सकल और शुद्ध बाजार कर्ज क्रमशः 14.01 लाख करोड़ रुपये और 11.63 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। दोनों 2023-24 से कम होंगे।’’
बजट अनुमान 2024-25 में सकल और शुद्ध उधारी का संशोधित अनुमान वित्त वर्ष 2023-24 की सकल उधारी 15.43 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध उधारी 11.80 लाख करोड़ रुपये की तुलना में क्रमशः 9.2 प्रतिशत और 1.5 प्रतिशत कम है।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के रूप में कुल कर्ज और शुद्ध कर्ज क्रमशः संशोधित अनुमान 2023-24 में घटकर 5.2 प्रतिशत और चार प्रतिशत रह गया। वित्त वर्ष 2022-23 में यह क्रमशः 5.3 प्रतिशत और 4.1 प्रतिशत था।