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समुद्री मछली पालन का ग्लोबल हब बनेगा भारत! इसकी दिशा में प्रयास किए शुरू, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप पर नजर

सरकार इसके लिए स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षित करने और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत पर जोर देने का काम करेगी।

Published by
ऋषभ राज   
Last Updated- March 02, 2025 | 7:19 PM IST

सरकार ने अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप में मत्स्य पालन (मछली पालन) को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास करना शुरू कर दिया है। मत्स्य पालन मंत्रालय ने बताया कि बजट के बाद कृषि और ग्रामीण समृद्धि पर आयोजित वेबिनार में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में मत्स्य पालन की संभावनाओं को लेकर प्रस्तावित ड्राफ्ट पर चर्चा की गई। आधिकारिक बयान के अनुसार, इसमें स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षित करने और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया गया। प्रस्तावित ड्राफ्ट का उद्देश्य इन द्वीपों को फिशिंग हब में बदलना है, जिससे यहां आर्थिक विकास को रफ्तार मिले, रोजगार के अवसर बढ़ें और फिशिंग सेक्टर में विकास सुनिश्चित हो।

यह वर्चुअल इवेंट 1 मार्च को आयोजित किया गया था, जिसमें कृषि और ग्रामीण विकास के लिए 2025 के बजट की घोषणाओं को लागू करने पर स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन मौजूद थे।

भारत के समुद्री संसाधनों के सही इस्तेमाल पर जोर

राज्य मंत्री बघेल एसपी सिंह बघेल ने इस चर्चा में भारत के 2.2 मिलियन वर्ग किलोमीटर के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में मौजूद समुद्री संसाधनों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा सतत विकास के लिए किए जा रहे मत्स्य अनुसंधान पर प्रकाश डाला।

वहीं, जॉर्ज कुरियन ने मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने और अंडमान-निकोबार व लक्षद्वीप में फिशिंग क्लस्टर जोन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की।

मत्स्य पालन और समुद्री संसाधनों के प्रबंधन पर चर्चा

मत्स्य सचिव अभिलक्ष लिखी की अध्यक्षता में ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र और खुले समुद्र में सतत मत्स्य पालन’ पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसमें सतत मत्स्य प्रबंधन, समुद्री खाद्य निर्यात और रोजगार के अवसरों पर चर्चा की गई।

इस सत्र में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने, जहाजों की डिजाइनिंग, मत्स्य सहकारी समितियों के लिए लोन की सुविधाएं और समुद्री संसाधनों के इस्तेमाल के लिए ऑफशोर तकनीकों (offshore technologies) पर चर्चा की गई।

बता दें कि सरकार द्वारा प्रस्तावित ड्राफ्ट का लक्ष्य रेगुलेटरी मैकेनिज्म को मजबूत करना, बुनियादी ढांचे का विस्तार करना और बाजार पहुंच को बढ़ाना है। अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करते हुए भारत को सतत और जिम्मेदार मत्स्य पालन के क्षेत्र में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

First Published : March 2, 2025 | 7:10 PM IST